चंडीगढ़।
हरियाणा के जेल, आवास एवं परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि प्रदेश
में ओपन एयर जेल परियोजना को जल्द ही अमल में लाया जाएगा जिसके अंतर्गत कोई
भी बंदी जेल अधीक्षक की अनुमति से किसी भी फैक्ट्री या कृषि फार्म में काम
कर सकेगा और शाम को वह वहीं आ जाएगा। इस परियोजना के अंतर्गत जेल के बाहर
कैंपस बनाया जाएगा जिसके अंदर अलग-अलग क्वार्टर होंगे और बंदी वहां अपने
परिवार के साथ रह सकेंगे। इसके अलावा, जेलों में आपराधिक गतिविधियों पर रोक
लगाने के लिए जैमर लगाने की योजना अमल में लाई जा रही है और पुलिस विभाग
के अधिकारियों के साथ समय-समय पर जेलों का संयुक्त निरीक्षण भी किया जा रहा
है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पंवार आज पंचकूला में हरियाणा जेल उत्पाद प्रदर्शनी केंद्र का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।
मंत्री
ने जेलों में सुधार लाने और जेल कर्मचारियों के कल्याण से जुड़े विभिन्न
बिन्दुओं पर बात करते हुए कहा कि इसके लिए जल्द ही माननीय मुख्यमंत्री के
साथ बैठक की जाएगी जिसमें विभिन्न मुद्दों पर बात की जाएगी। उन्होंने कहा
कि राज्य सरकार निश्चित तौर पर सुधार की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। यही
कारण है कि हमने 400 भूतपूर्व सैनिकों को जेल वार्डर लगाने का निर्णय लिया
है। उन्होंने बताया कि जेलों में काम करने कैदियों को अधिकतम 40 और 25
रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय उनके खाते में डाल दिया जाता है ताकि यह
भविष्य में उनके काम आ सके।
श्री पंवार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री
नरेन्द्र मोदी के कौशल विकास के सपने को साकार करने के उद्देश्य से सभी
जेलों की वर्कशॉप में बंदियों द्वारा बनाए गए सामान की यह प्रदर्शनी लगाई
गई है।
उन्होंने कहा कि जेल को सुधार गृह कहा जाता है और सरकार का
मानना है कि यदि कोई बंदी युवावस्था में किसी कारण से जेल में आ जाता है तो
उसे सुधारने का भी काम किया जाए। विशेषतौर से युवाओं को कौशल विकास के
माध्यम से वर्कशॉप में ऐसा हुनर सिखाया जाएगा जिससे कि वह सजा काटने के बाद
बाहर जाने पर अपने हुनर के मुताबिक अपने परिवार व प्रदेश के लिए काम कर
सके। ऐसा हुनर सिखाने का काम प्रदेश की सभी जेलों में किया जा रहा है।
उन्होंने
बताया कि मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस को एक बड़ा फैसला लिया है जिसके
अंतर्गत 20 साल के सजायाफ्ता, 75 वर्ष या इससे अधिक की आयु वाले पुरुषों और
65 वर्ष या इससे अधिक की आयु वाली महिला कैदियों को उनके अच्छे चाल-चलन के
चलते रिहा करने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा, 10 साल या इससे कम की
सजा वाले कैदियों, जो अपनी दो तिहाई सजा पूरी कर चुके हैं, को भी रिहा करने
का फैैसला लिया है। इसके अलावा, जिन कैदियों को 10 साल या इससे अधिक की
सजा दी गई है, जिनका व्यवहार ठीक है और संगीन अपराधी नहीं है उन्हें भी 45
दिन की माफी देने का फैसला लिया है। साथ ही, 10 साल या इससे कम की सजा वाले
कैदियों को भी एक महीने की माफी देने का निर्णय लिया है।
मंत्री ने
बताया कि कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए जेलों में अधिक से अधिक वर्कशॉप
खोली जाएंगी जिनके माध्यम से सभी को हुनर सिखाया जाएगा और ज्यादा से
ज्यादा प्रोडक्शन की जाएगी। उन्होंने बताया कि कैदियों द्वारा बनाए गए
उत्पादों की बिक्री के लिए एक शॉप बनाई गई है। यदि कोई व्यक्ति किसी जेल
में बना कोई उत्पाद खरीदना चाहता है तो उसे उसी जेल के माध्यम से सामान
उपलब्ध करवा दिया जाएगा। इसके लिए बाकायदा उत्पादों की रेट लिस्ट भी लगाई
गई है।
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