चण्डीगढ़, । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल
ने कहा कि विकास की रोशनी से कोई भी बच्चा वंचित नहीं रहेगा, हमारा घर और
परिवार एक ही है जिसका कोई नहीं उसके हम है, इस भावना से काम करे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने
यह बात हरिहर नीति के तहत आयोजित बैठक में बच्चों से बातचीत करते हुए
कही। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा भी
उपस्थित रही।
मनोहर लाल ने बच्चों से कहा कि अगर किसी भी बच्चे
को कोई भी परेशानी या जरूरत हो, तो सभी के लिए उनके घर के द्वार हमेशा
खुले है। समाज में ऐसे बच्चे, जिनको अभिभावक छोड देते हैं या फिर त्याग
देते हैं, ऐसे बच्चों को हरिहर नीति के तहत बाल देखरेख संस्थानों में रखकर
इन बच्चों का पालन-पोषण कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है।
मुख्यमंत्री
ने कहा कि जिन बच्चों के अभिभावकों द्वारा 5 वर्ष की आयु से पहले
परित्यक्त या एक वर्ष की आयु से पहले अभिव्यक्त कर दिया गया हो तथा
जिन्होंने बाल देखरेख गृहों में रहते हुए 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली हो
ऐसे बच्चों को शैक्षणिक, वित्तीय सहायता और रोजगार सरकार द्वारा प्रदान
करना है।
उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और औद्योगिक
प्रशिक्षण सहित मुफ्त स्कूल व उच्च शिक्षा और 25 वर्ष की आयु तक या शादी के
बाद तक देखभाल, पुनर्वास और वित्तीय सहायता या शादी जो भी पहले हो, इसके
अलावा पात्र लाभार्थियों को देखभाल के बाद रहने की व्यवस्था के लिए 8 हजार
रुपये प्रति माह भी दिया जाता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य में घर
खरीदने के लिए एकमुश्त ब्याज मुक्त ऋण सुविधा दी जा रही है। इस नीति के तहत
बच्चों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का
दर्जा प्रदान कर रही है। इस अवसर पर बच्चों ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिह्न
भेंट किया और मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों को सम्मानित भी किया।
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