चंडीगढ़।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एक आदेश ने नवनियुक्त जेबीटी टीचर्स की
नौकरी पर एक बार फिर संकट में ला दी है। चार साल की लंबी लड़ाई के बाद
इन्हें नियुक्ति मिली थी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने नवचयनित जेबीटी की
वर्ष 2011 और 2013 की संयुक्त मेरिट लिस्ट बनाने का निर्देश दिया है।
अलग-अलग मेरिट लिस्ट में कुल 12731 जेबीटी शिक्षकों के नाम हैं जिनमें से
नियुक्ति के लिए 9455 की सूची बनेगी। नई मेरिट लिस्ट बनाए जाने से हाल ही
में नियुक्ति पा चुके कई शिक्षक नौकरी से बाहर हो सकते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हाईकोर्ट
की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि संयुक्त मेरिट लिस्ट के
आधार पर ही जेबीटी टीचरों को नियुक्ति पत्र जारी किया जाए। मामले की सुनवाई
के दौरान याचिकाकर्ता नवीन कुमार के वकील ने कहा कि खंडपीठ ने स्पष्ट आदेश
दिया था कि सभी तरह की तकनीकी व अन्य तरह की जांच पूरी होने तक नवचयनित
जेबीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया जाए। इसके बावजूद शिक्षा
विभाग ने नियुक्ति पत्र जारी करना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि
आदेश के मुताबिक वर्ष 2011 व 2013 में एचटेट पास करने वाले शिक्षकों की
संयुक्त मेरिट के आधार पर नियुक्तियां देनी थी, लेकिन अब केवल वर्ष 2011 की
मेरिट के आधार पर ज्वाइनिंग कराई जा रही है। यह ज्वाइनिंग 9455 पदों पर हो
रही है और अब तक 8406 जेबीटी ज्वाइन भी कर चुके हैं।
बहस के बाद
खंडपीठ ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया कि संयुक्त मेरिट सूची बनाकर
नियुक्ति पत्र जारी करे, लेकिन यह विज्ञापन में जारी पदों से ज्यादा न हो।
यानि कुल 9455 पदों में से 54 पद याचिकाकर्ताओं के लिए छोड़कर 940 पदों पर
मेरिट के आधार पर नियुक्ति दे। इस आदेश के बाद कई टीचर्स की नियुक्ति रद्द
हो सकती है।
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