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लोकसभा में गरजे सांसद दीपेन्द्र हुड्डा, कहा- बजट में हरियाणा के साथ हुआ सौतेला व्यवहार

MP Deepender Hooda roared in Lok Sabha, said- Haryana has been treated step-motherly in the budget - Chandigarh News in Hindi

चंडीगढ़। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने लोकसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि बीजेपी सरकार ने आम लोगों को जीवन से मरण तक टैक्स के कुचक्र में फंसा दिया है। बजट में देश में किसी राज्य के साथ अगर सबसे ज्यादा सौतेला व्यवहार हुआ है तो वो हरियाणा के साथ हुआ है। उन्होंने सदन में ठोस आंकड़े रखकर कहा कि केंद्र सरकार हरियाणा से कुल 7.10 प्रतिशत जीएसटी इकट्ठा करती है, लेकिन बदले में हरियाणा को केवल 1.009 प्रतिशत हिस्सा ही दिया जाता है। यानी केंद्र सरकार हरियाणा से 7 रुपया ले रही है और केवल 1 रुपया वापस दे रही है। जो घोर अन्याय है और यह पूरे देश में सबसे कम है। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र का नाम है जहां उसको 29 प्रतिशत, कर्नाटक में 39 प्रतिशत वापस दिया जा रहा है। प्रति व्यक्ति के हिसाब से देखें तो 29 प्रदेशों में सबसे कम यानी 6938 रुपया हरियाणा को मिल रहा है। जबकि, अरुणाचल में 140000, गोवा में 40000 तेलंगाना में 25000 दिया जा रहा है। उन्होंने सरकार की टैक्स नीति का विरोध करते हुए पेट्रोल-डीजल की एक्साइज पर राहत देने, इंडेक्सेशन और कैपिटल गेन टैक्स, जीवन बीमा, मेडिकल बीमा पर जीएसटी को वापस लेने की मांग की।
उन्होंने हरियाणा के साथ बजट में लगातार सौतेला व्यवहार किये जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार से हरियाणा को कोई नयी परियोजना मिलना तो दूर, यूपीए सरकार के समय हरियाणा के लिये मंजूर बड़ी परियोजनाओं को एक-एक करके दूसरे प्रदेशों में भेज दिया या ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये की मंजूरशुदा परियोजनाएं आज भी लंबित हैं। दीपेंद्र हुड्डा ने इन परियोजनाओं को विस्तार से गिनाते हुए कहा कि महम का इंटरनेशनल एयरपोर्ट, 2013 के रेल बजट में मंजूर हुई रेल कोच फैक्ट्री, बाढ़सा एम्स-2 परिसर के बचे हुए 10 संस्थान, नयी रेल लाइन यमुनानगर-चंडीगढ़ वाया नारायणगढ़-सढौरा, हिसार-अग्रोहा-फतेहाबाद, दिल्ली-गुड़गांव-नूह-अलवर। इसके अलावा आरआरटीएस परियोजनाएं जिसमें दिल्ली-फरीदाबाद-मथुरा, दिल्ली-रोहतक-हिसार को रद्द कर दिया। जबकि मंजूरशुदा दिल्ली-गुड़गांव-अलवर और दिल्ली-सोनीपत-पानीपत आरआरटीएस पर कोई काम नहीं हुआ। आईआईटी एक्सटेंशन बाढ़सा, सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर, बीएसएफ ग्रुप सेंटर, अंबाला के साहा के लिये टूल रुम तकनीकी विकास केंद्र पर एक ईंट भी नहीं लगी।

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि क्या हरियाणा का यही कसूर है कि उसकी आबादी 2.1% है, देश के कुल क्षेत्रफल 1.34% है, जीएसटी कलेक्शन 7% हिस्सेदारी है, देश के अन्न भंडार में 33 प्रतिशत योगदान हरियाणा का किसान दे रहा है। देश की आर्म्ड फोर्सेस में 11% मैन पावर हरियाणा से आता है, देश के 50 प्रतिशत मेडल हरियाणा के खिलाड़ी जीतकर ला रहे हैं। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि ओलंपिक में अब तक देश के 3 मेडल आये हैं जिसमें से 2 हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते लेकिन सरकार ने खेलो इंडिया के कुल बजट 2200 करोड़ में से हरियाणा को सिर्फ 65 करोड़ दिया। जबकि गुजरात को 500 करोड़ यानी 20% बजट दिया, जो हरियाणा के साथ घोर अन्याय है।

उन्होंने कहा कि सरकार की कराधान नीति गरीब विरोधी, अमीर हितैषी है। यह देश के आम गरीब, किसान, मजदूर पर ज्यादा बोझ और अमीरों पर कम बोझ डालने की है। आम लोगों के लिये सरकार की नीति है जीरो बचत और टैक्स की चपत। वहीं खास लोगों के लिये सरकार की नीति है टैक्स में राहत और कमाई खटाखट। दीपेंद्र हुड्डा ने प्रत्यक्ष कर एवं अप्रत्यक्ष कर में संतुलन लाने की बात करते हुए कहा कि आज डायरेक्ट टैक्स में कम कलेक्शन हो रहा है, वहीं कार्पोरेट टैक्स में राहत दी जा रही है। देश का एक तिहाई टैक्स कलेक्शन डायरेक्ट टैक्स से हो रहा है, जबकि दो तिहाई कर अप्रत्यक्ष करों के जरिये वसूला जा रहा है। सरकार की वह नीति गलत साबित हुई जिसमें उसने यह मानकर कार्पोरेट के हाथ में पैसा दिया कि वो निवेश करेंगे। कार्पोरेट वहां निवेश करते हैं जहां मांग मजबूत होगी। सरकार ने अपने देश में मांग को मजबूत करने के लिये कोई कदम नहीं उठाया। ग्रामीण क्षेत्रों में मांग पिछले 5 साल से स्थिर है, कृषि क्षेत्र में मांग पिछले 7 साल से फ्लैट है। जब तक अर्थव्यवस्था में मांग नहीं बढ़ेगी कार्पोरेट निवेश नहीं करेगा। बड़े उद्योगपति घरानों को टैक्स में राहत देने के बावजूद निवेश लुढ़क गया। आज निजी निवेश दर 20 वर्षों के न्यूनतम स्तर पर है। एफडीआई 16 वर्ष के निचले स्तर पर है। पिछले एक साल में ही निवेश में देश 8वें नंबर से गिरकर 15वें नम्बर पर पहुंच गया। एफडीआई के आउटफ्लो में रिकार्ड वृद्धि हुई है। इसीलिये आज देश में बेरोजगारी रिकार्ड स्तर पर चल रही है। सरकार ने बड़े औद्योगिक घरानों को बार-बार मौका दिया लेकिन परिणाम क्या है आज देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है। एक बार सरकार देश के किसान, मजदूर, आम गरीब के हाथ में पैसा देकर देखे मांग भी बढ़ेगी और कार्पोरेट का निवेश भी होगा।

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि यूपीए सरकार ने पेट्रो उत्पादों से 1 लाख 72 हजार करोड़ लिया और 1 लाख 40 हजार करोड़ सब्सिडी के जरिये लौटा दिया। जबकि एनडीए सरकार ने 4 लाख 32 हजार करोड़ कमाए और सब्सिडी मात्र 11000 करोड़ दी। केवल पेट्रो उत्पादों से 4 लाख 20 हजार करोड़ कमा रही है। 2014 में टोल के जरिये 3000 करोड़ कमाई थी वहीं आज 65000 करोड़ है। हर चीज पर जीएसटी लगाकर सरकार आम लोगों पर टैक्स का बोझ डाल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की मदद से देश के 5 बड़े औद्योगिक घरानों का 40 सेक्टर में क्रोनी एकाधिकार स्थापित हो चुका है। दीपेंद्र हुड्डा ने आम गरीब से टैक्स वसूली और कार्पोरेट को राहत देने में संतुलन बनाने की मांग की।

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Web Title-MP Deepender Hooda roared in Lok Sabha, said- Haryana has been treated step-motherly in the budget
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