चण्डीगढ़। हरियाणा सरकार
और कृषि आधारित व खाद्य-प्रसंस्करण क्षेत्र के विभिन्न 44 उद्यमों व प्रतिष्ठानों के
बीच कुल 2069 करोड़ रूपये के निवेश के लिए एमओयू (समझौते के ज्ञापन) हुए। हरियाणा में
इन उद्यमों के स्थापित होने से लगभग 5000 से
अधिक लोगों के लिए रोजगार भी सृजित होंगे। इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने निवेशकों को सभी संभव सुविधा-सहायता का आश्वासन देते हुए कहा कि हरियाणा
सरकार शीघ्र ही कृषि कारोबार और खाद्य प्रसंस्करण नीति,2017 क्रियान्वित करेगी।
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नई दिल्ली में
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वर्ल्ड फूड इंडिया,
2017 में हरियाणा प्रदेश के सत्र के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की
उपस्थिति में ये एमओयू हुए।
वर्ल्ड फूड इंडिया,
2017 में हरियाणा प्रदेश के सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र
को समृद्ध बनाने की दिशा में हरियाणा सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए विभिन्न
स्तरों पर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में वर्ष 2015-2016 की तुलना
में वर्ष 2016-2017 में खाद्यान्न उत्पादन में 8.67 प्रतिशत वृद्धि हुई, वर्ष
2011-2014 की तुलना में वर्ष 2014-2017 में
दुग्ध उत्पादन में 16.9 प्रतिशत वृद्धि हुई तथा
मत्स्य उत्पादन में भी 20.1 वृद्धि हुई है। राज्य में अन्य सहायक कृषि कार्यो
में हुई उन्नति के अतिरिक्त कृषि विपणन व खपत
बाजार के आकडों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में कृषि आधारित व खाद्य प्रसंस्करण
उद्योग क्षेत्र में निवेश की प्रबल संभावनाएं हैं और इस क्षेत्र को निवेश के अनुकूल
बनाने व निवेशकों को प्रोत्साहित करने की दिशा में हरियाणा सरकार सप्ताह भर में ही
कृषि कारोबार और खाद्य प्रसंस्करण नीति,2017 क्रियान्वित करने जा रही है। इस नीति में
कृषि विपणन सुधारों, मेगा फूड पार्कों के विकास, एफपीओ के पंजीकरण को विस्तार, कृषि
व्यवसायों में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने और व्यवसाय के अनुकूल परिवेश उपलब्ध
करवाने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर बल दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप हरियाणा में
कृषि आधारित व खाद् प्रसंस्करण क्षेत्र के उद्योगों में निवेश को और अधिक गति मिलेगी।
उन्होंने कहा कि कृषि आधारित व खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र के विकास से कृषि क्षेत्र
समृद्ध हो सकेगा और रोजगार भी उत्पन्न होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस की दृष्टि से हरियाणा प्रदेश छठे स्थान से
द्वितीय स्थान पर पहुँच गया है। कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के महत्व के दृष्टिगत
उद्यम प्रोत्साहन नीति,2015 में कृषि व खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों को प्राथमिकता की
श्रेणी में शामिल किया गया है। हरियाणा में खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों के प्रोत्साहन
के लिए एसजीएसटी पर निवेश सब्सीडी, ब्याज सब्सीडी में 06 प्रतिशत की छूट, प्राथमिक
प्रसंस्करण केंद्रों को सहायता, स्टांप ड्यूटी की प्रतिपूर्ति, बाहरी विकास शुल्कों
से छूट व बिजली टैरिफ पर सब्सीडी शामिल हैं।
हरियाणा सत्र
के उपरांत हरियाणा के मुख्यमंत्री ने वर्ल्ड फूड इंडिया,2017 में हरियाणा राज्य के
पैवेलियन का दौरा कर विभिन्न प्रतिष्ठानों के स्टालों का अवलोकन किया। हरियाणा पैवेलियन में
निजी क्षेत्र की विभिन्न 14 खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों द्वारा उनके प्रसंस्कृत खाद्य
उत्पादों, प्रसंस्करण प्रक्रियाओं को प्रदर्शित किया गया है। वर्ल्ड फूड इंडिया,
2017 में खाद्य क्षेत्र से जुड़े हरियाणा के सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न 07 बोर्ड,
निगम, विभाग भी प्रतिभागिता कर रहे हैं।
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