चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पहली बार वित्त मंत्री के रूप में उन द्वारा विधानसभा में रखे गए वर्ष 2020-21 के बजट अनुमानों को पारित करने के लिए सभी विधायकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि अगले वर्ष वे इस वर्ष की भांति बजट तैयार करने के लिए जनप्रतिनिधियों व अन्य हितधारकों के सुझाव लेंगे। इस वर्ष के बजट अनुमान में 52 विधायकों के सुझाव शामिल किये गए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री ने बुधवार को हरियाणा विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान बजट अभिभाषण पर चर्चा के बाद अपने उत्तर में शिक्षा, स्वास्थ्य व स्वालम्बन के क्षेत्र के लिए तीन नई घोषणा सदन में की, जिनमें हरियाणा के युवाओं को उच्चत्तर शिक्षा के लिए ऋण लेने के लिए युवाओं को बैंक में कौलेट्रल गांरटी नहीं देनी होगी, इसके लिए राज्य सरकार बैंकों को क्रेडिट गांरटी देगी और यह हरियाणा में स्थित शैक्षणिक संस्थानों के लिए बैंकों द्वारा प्रदान किये गए नियमानुसार निर्धारित ऋणों के लिए लागू होगी। इसी प्रकार, नव गठित विदेश सहयोग विभाग के माध्यम से हर वर्ष 500 किसानों, श्रमिकों, अध्यापकों, छात्रों और पंचायती राज तथा शहरी स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों को अध्ययन भ्रमण के लिए विदेशों में भेजा जाएगा ताकि वे वहां की पद्धतियों, तकनीकों व अन्य क्षेत्रों में ज्ञान अर्जित कर सकें। इसी प्रकार, सभी सरकारी कर्मचारी और उनके आश्रित अब फेफड़ों व हृदय प्रत्यारोपण (हर्ट ट्रांसप्लांटेशन) के लिए चेन्नई के अपोलो,एमजीएम तथा ग्लेनिगल्स ग्लोबल हैल्थ सिटी अस्पतालों में ईलाज करवा सकेंगे। इसके अलावा, हृदय प्रत्यारोपण भी यदि मान्य अस्पताल से करवाया जाएगा तो सरकार की तरफ से खर्चे की प्रतिपूति की जाएगी।
मनोहर लाल ने सदन को अवगत करवाया कि भारत सरकार की लोगों के जीवन सुधार के लिए ईज ऑफ लीविंग के मानदंड तैयार करने की योजना प्रस्तावित है और इसको लागू करने के लिए हरियाणा ने अपने इस बजट में प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हरियाणा के युवाओं को प्राईवेट क्षेत्र में 75 प्रतिशत नौकरियां उपलब्ध करवाने के अपने वायदे के अनुरूप आगे बढ़ रही है तथा इसके लिए उद्यमियों से बातचीत चल रही है तथा जिन क्षेत्रों में अब तक कम उद्योग लगे हैं, उन क्षेत्रों में नई औद्योगिक इकाईयां लगाने के लिए उद्यमियों को प्रेरित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने सदन को इस बात की भी जानकारी दी कि 26 जनवरी, 2020 से आरम्भ की गई परिवार पहचान पत्र योजना के तहत 12 लाख परिवारों का डाटा एकत्रित हो गया है और इसमें लगभग 60 लाख परिवारों का डाटा एकत्रित करना है। उन्होंने बताया कि अलग से 18 से 35 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं का डाटा संकलित किया जाएगा, जिसमें यह देखा जाएगा कि युवा सरकारी नौकरी में है या स्वरोजगार में है या बेरोजगार है और उसी के अनुसार उसका बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा।
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