चंडीगढ़। सरकार सपनों को उड़ान देने जा रही है, जिस उम्र में वे पंख लगाना शुरू करते हैं, वह भी सीधे मनाली की पहाड़ियों पर! हरियाणा के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के चेहरे इन दिनों चमक रहे हैं, क्योंकि सरकार ने मनाली की सैर के लिए आमंत्रित किया है, जो किसी लॉटरी से कम नहीं है। हरियाणा सरकार ने नौवीं से बारहवीं कक्षा के बच्चों को जून की तपती ठंड में ठंडी हवा से परिचित कराने का फैसला किया है, जबकि बाकी राज्य गर्मी से जूझ रहे हैं।
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हर मोड़ पर एडवेंचर… और हर पल में यादें!
हरियाणा के सरकारी स्कूलों के होशियार बच्चों को अब किताबों के बोझ से थोड़ी राहत मिलेगी; वह आराम उन्हें बर्फीले पहाड़ों, बहती नदियों, बड़ी घाटियों और रोमांच की दौड़ में मिलेगा। 26 जून से शुरू होने वाले इस एडवेंचर कैंप में बच्चे सिर्फ घूमेंगे नहीं, बल्कि वह सब सीखेंगे। कक्षा की चारदीवारी के बाहर कौन सी चीजें हैं? सिखाने में सक्षम।
आप क्या सीखेंगे?
बच्चे निम्नलिखित में भाग लेंगे: मनाली में इस विशेष शिविर में। घाटियों और नदियों को पार करने में कठिनाइयाँ साहसिक गतिविधियों में ट्रैकिंग और ज़िपलाइन शूटिंग कला: बन्दूक, हैंडगन से निशाना लगाना रैपलिंग, तीरंदाजी, बाधाओं को पार करने जैसी सक्रिय गतिविधियाँ इसका मतलब है कि यह साहसिक कार्य न केवल दृश्यों का बल्कि बहादुरी, आत्मविश्वास और टीम वर्क का एक चुनौतीपूर्ण प्रशिक्षण भी है।
मनाली टूर के हीरो कौन?
बैच के अनुसार सूची को समझें। इस भ्रमण को दो चरणों में विभाजित किया गया है: प्रत्येक क्षेत्र से पचास युवा (25 लड़के और 25 लड़कियाँ) चुने गए हैं। राज्य का प्रतिनिधित्व कौन करेगा?
पहला समूह 25 जून को होगा रवाना
इसमें फरीदाबाद, हिसार, झज्जर, कैथल, महेंद्रगढ़, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक, सोनीपत और सिरसा जिले शामिल थे। दूसरा समूह: 1 जुलाई को रवाना होगा। कवरेज क्षेत्र: बच्चों को सुरक्षा और दिशा दोनों सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक समूह को दो शिक्षक दिए जाएँगे।
मनाली में सिर्फ मस्ती नहीं… सीख भी है खास!
साहिल, सिरसा कक्षा 11 के छात्र ने कहा कि "मैंने आज तक कभी बर्फ नहीं देखी... अब मैं मनाली जा रहा हूँ, वो भी सरकार की तरफ से!" - भावना, महेंद्रगढ़ सरकारी स्कूल, कक्षा 10 "हमने एडवेंचर फिल्मों में जो देखा, अब हम खुद करेंगे; यह एक सपने जैसा लगता है।" -
सैर के बहाने बच्चों को दिया गया एक विज़न
यह सरकारी प्रयास बच्चों को प्रकृति से जोड़ने, उनमें साहस भरने और उन्हें आज के जीवन की वास्तविक कठिनाइयों का सामना करने के लिए तैयार करने जैसा है, जब वे सोशल मीडिया और स्क्रीन के दायरे में भटक रहे हैं। शिक्षा विभाग ने दिखाया है कि अनुभव भी सीखने में मदद करते हैं, सिर्फ़ किताबों से नहीं।
मनाली टूर से बदलेंगे शिक्षा के मायने
दूसरे राज्य भी हरियाणा से यही सीखेंगे। या बच्चों की शिक्षा सिर्फ़ बोर्ड के नतीजों तक ही सीमित रहेगी? अगर आपका बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़ता है, तो यह यात्रा एक सपने के सच होने जैसा हो सकता है। यह सिर्फ़ एक यात्रा से कहीं बढ़कर है। और अगर आप अभिभावक हैं, तो सरकार इस प्रयास के लिए ईमानदारी से बधाई की पात्र है!
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