चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। अपराधी बेखौफ हो चुके हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रदेश में सरकार का नहीं, बल्कि अपराधियों का राज है। प्रदेश में कोई भी वर्ग स्वयं को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है। शोषण और पीड़ितों के आवाज उठाने वालों के खिलाफ सरकार एजेंसियों को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है।
मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी और नशाखोरी चरम पर है। इनके कारण भी हरियाणा में हर रोज हत्या, लूटपाट, फिरौती, रंगदारी की वारदातें हो रही हैं। इस राज में न ही पुलिस अधिकारी, न ही जनप्रतिनिधि और न ही विधायक सुरक्षित हैं। अभी एक विधायक को फोन पर जान से मारने की धमकी मिली है। नूंह जिले के तावडू में खनन माफिया ने डीएसपी सुरेंद्र सिंह के ऊपर डंपर चढ़ाकर हत्या कर दी थी। सरकार हाथ मलती रह गई थी। क्योंकि प्रदेश में शासन के संरक्षण में खनन माफिया सक्रिय है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि नूंह हिंसा को लेकर सीआईडी अपनी रिपोर्ट भेज चुकी थी।
मुख्यमंत्री कार्यालय और गृहमंत्री कार्यालय के बीच तालमेल न होने के चलते हिंसा हुई। अगर पहले मिली सूचना पर शासन प्रशासन सतर्क हो गया होता तो हिंसा न होती। हरियाणा में भी मणिपुर की तरह कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है।
सांप्रदायिक दंगा भडक़ना और लोगों की जनहानि होने से यह तय हो गया है कि नूंह का खुफिया विभाग पूरी तरह से इन बातों को पकड़ पाने में नाकाम रहा है।
हरियाणा में हुई हिंसा को शर्मनाक बताया और कहाकि दंगा-हिंसा का राजनीतिक और संकीर्ण स्वार्थ की पूर्ति के लिए इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। लोगों की जान-माल और मजहब की सुरक्षा करना सरकार का काम होता है। सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। लोगों की जानमाल के साथ धर्म की सुरक्षा करना राज्य सरकार की पहली संवैधानिक जिम्मेदारी बनती है।
उन्होंने कहाकि जब मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा था कि सरकार हर व्यक्ति की सुरक्षा नहीं कर सकती, उसी दिन से अपराधी बैखोफ होकर घूम रहे हैं। उसके बाद ही अचानक हत्या, लूट, चोरी, छीनाझपटी, रंगदारी, फिरोती की वारदातों में इजाफा हुआ है। हालात ये है कि प्रदेश में अब तो कानून व्यवस्था का जनाजा निकला हुआ है। हर व्यक्ति खौफ में जी रहा है।
उन्होंने कहा कि जब से गठबंधन सरकार आई है तब से प्रदेश में कानून का किसी को भय नहीं रहा है। सरकार की न तो नीयत और नीति साफ नहीं है। ऐसा लग रहा है कि प्रदेश का हर व्यक्ति सडक़ों पर उतरा हुआ है। कहीं किसान आंदोलन हो रहा है, कहीं कर्मचारी खासकर लिपिक वर्ग हड़ताल और धरने पर हैं।
आंगनबाड़ी वर्कर्स चेतावनी दे चुके हैं। गरीब जनता सरकार की नीतियों और बार-बार लागू होने वाले नए नियमों से परेशान होकर सडक़ों पर है। अधिकारी जनता की तो दूर विधायकों तक की सुनवाई नहीं कर रहे है। बेलगाम व्यवस्था में व्यक्ति स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहा है, इस दमनकारी सरकार से बदला लेने के लिए जनता चुनाव की प्रतीक्षा कर रही है जनता वोट से चोट से सरकार से बदला लेना चाहती है।
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