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चंडीगढ़। हरियाणा में करनाल की बेटी आस्था वर्मा ने बेटियों को अधिकार दिलाने के लिए एक अनूठी फिल्म बनाई है। फिल्म में बेटियों को बेटों की तरह दाह संस्कार करने का अधिकार दिलाने का मुद्दा उठाया गया है। 'द लास्ट राइट्स' फिल्म एक लड़की के संघर्ष को दर्शाती है, जो अपनी दादी के अंतिम संस्कार का अधिकार पाने और उनकी अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए समाज से लड़ती है।
फिल्म की स्क्रीनिंग करनाल में की गई, जहां इसे दर्शकों की खूब सराहना मिली। दर्शक इसे जल्दी ही देख सकेंगे। फिल्म में दाह संस्कार के दृश्य वाराणसी के उन गंगा घाटों पर फिल्माए गए हैं। यहां महिलाओं के लिए जाने की मनाही है।
करनाल में जन्मी 24 वर्षीय आस्था वर्मा ने न्यूयार्क फिल्म अकादमी से फिल्म मेकिंग में मास्टर डिग्री हासिल की है। आस्था की पहली फिल्म 'द अनसंग फैदर' थी, जो नस्लभेद के मुद्दे पर बनी थी। इस फिल्म में एक काले रंग की लड़की की कहानी थी, जिसे गोरे लोगों के बीच अपनी जगह बनाने के लिए भारी संघर्ष करना पड़ता है। इस फिल्म को अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार सहित 9 पुरस्कार मिले थे। करीब 40 लघु फ़िल्में बना चुकी आस्था वर्मा अब मूलरूप से करनाल की बेटी और अंतरिक्ष परी कल्पना चावला पर फिल्म बनाने पर विचार कर रही हैं।
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