चंडीगढ़। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि रोजगारपरक शिक्षा आज के समय की जरूरत है। सरकार की ओर से लागू की गई नई शिक्षा नीति का ध्यान इस पर केन्द्रित है कि विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों को इस तरह से प्रशिक्षित करें कि उनको रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मिल सकें। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपुर के दूसरे दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिदृश्य में नई शिक्षा नीति महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। नई शिक्षा नीति में शिक्षा प्रणाली को पुनर्गठित किया गया है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है जिस भी युवा के पास कौशल और निपुणता होगी उसके जीवन में बेरोजगारी आड़े नहीं आएगी।
उन्होंने कहा कि विद्यालय, महाविद्यालय व विश्वविद्यालय कौशल विकास पर फोकस रखते हुए विद्यार्थियों को पढ़ाएं। पाठ्यक्रम में नवाचार को शामिल करें।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में डिजिटल शिक्षा व कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने डिजिटल पब्लिक लाइब्रेरी ई-ग्रंथ कोष का शुभारंभ किया है। इसमें उपयोगकर्ता के लिए मुफ्त ई-संसाधनों जैसे लगभग 6 करोड़ ई-बुक्स, 3 लाख वीडियो और ऑडियो, 10 लाख पत्रिकाएं, 23 हजार पाठ्यक्रम सामग्री, 6 हजार ई-पत्रिकाएं और 55 ई-समाचार-पत्र एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाए गए हैं।
राज्यपाल ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हरियाणा के विश्वविद्यालयों में उद्योगों की जरूरतों के अनुसार उद्यमों और विश्वविद्यालय की आपसी साझेदारी के साथ विद्यार्थियों को ऑन जॉब ट्रेनिंग के अवसर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। आज के दौर में हमें इसी प्रशिक्षण की सबसे अधिक आवश्यकता है। इसी प्रक्रिया में विद्यार्थियों को कला, मानविकी, विज्ञान और कौशल आधारित पाठ्यक्रमों के समावेश वाली विविधतापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था भी इस शिक्षा नीति के तहत सुनिश्चित की गई है।
राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह केवल शैक्षणिक डिग्री के वितरण का कार्यक्रम नहीं है और न ही यह शिक्षा का अंत है। यह तो नए चरण का शुभारंभ है जहां से विद्यार्थी शैक्षणिक संस्थाओं से प्राप्त सैद्धान्तिक ज्ञान का उपयोग अपने व्यवहारिक जीवन में करने के लिए आगे बढ़ते हैं। विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालयों, संस्थानों तथा औद्योगिक इकाईयों से समझौता ज्ञापन किए गए है।
बेटियां नहीं किसी से कम, हर क्षेत्र में दिखा रहीं दमखमः
दत्तात्रेय ने कहा कि आज भी हमारे समाज की सोच बेटियों को लेकर विडम्बनापूर्ण एवं विसंगतिपूर्ण है। बेटी को न पढ़ाना, उन्हें जन्म से पहले मारना, घरेलू हिंसा, दहेज को लेकर बेटियों पर अत्याचार करना हमारे समाज पर कलंक है।
हमें यह समझना जरूरी है कि बेटियां बोझ नहीं होती, बल्कि आपके परिवार, समाज एवं राष्ट्र का एक अहम हिस्सा होती हैं, एक बड़ी ताकत होती है। आज बेटियां चांद तक पहुंच गई है, कोई भी क्षेत्र हो, बेटियों ने अपना दमखम दिखा दिया है।
बता दिया है कि वे किसी से कम नहीं है। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में मेडल जीतकर देश-प्रदेश को गौरवान्वित कर रही हैं। हमारे देश के राष्ट्रपति के सर्वाेच्च पद को सुशोभित करने वाली भी एक महिला ही है। राज्यपाल ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन भी किया।
भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 99 रन से हराया, वनडे सीरीज पर कब्जा, गिल-अय्यर और अश्विन के आगे पस्त हुए कंगारू
सात फेरे लेकर एक दूजे के हुए राघव और परिणीति, 18 बोट्स से पहुंची बारात
दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया- बृजभूषण ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा
Daily Horoscope