चंडीगढ़। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने किसानों की आय दोगुनी करने के विजऩ के दृष्टिगत कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को प्राकृतिक, जैविक और बागवानी फसलों की खेती करने के लिए व्यापक स्तर पर जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाएं। इसके साथ ही उन्होंने किसानों व किसानों के बच्चों को बागवानी, कृषि और प्रोसेसिंग से संबंधित जानकारी व प्रशिक्षण दिए जाने के भी निर्देश दिए ताकि वे इतने योग्य बन सकें कि वे देश में ही नहीं अपितु विदेशों में जाकर भी रोजगार प्राप्त कर सकें। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कृषि मंत्री ने यह निर्देश बुधवार को यहां कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। बैठक में जैविक खेती को बढ़ावा देने, बागवानी के क्षेत्र का दायरा बढ़ाने और आगामी वित्त वर्ष की कार्य योजना के बारे में चर्चा की गई।
जे पी दलाल ने कहा कि प्रदेश में बागवानी के तहत फूलों, फलों व सब्जियों की खेती को और अधिक बढ़ाने के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कृषि विभाग के अंतर्गत प्राकृतिक और जैविक खेती के लिए एक अलग विंग तैयार की जाए जो केवल इस विषय पर किसानों को प्रशिक्षित करने और जागरुक करने का काम करेगी। इस प्रकार की खेती को बढ़ावा मिलने से एक ओर जहां कृषि करने की लागत में कमी आएगी वहीं दूसरी ओर फसलों में रासायनिक कीटनाशक दवाईयों के उपयोग को रोकने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आज के समय में फसलों का विविधिकरण होना बहुत महत्वपूर्ण है और इसके लिए किसानों को अधिक से अधिक जागरूक करना होगा ताकि वे धान जैसी फसलों के स्थान पर मक्का और अरंडी जैसी फसलों की खेती करें।
कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभाग में कृषि विकास अधिकारियों के खाली पड़े पदों को जल्द से जल्द भरा जाए और इससे संबंधित जो भी लंबित प्रक्रिया है उसे प्राथमिकता आधार पर पूरा किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि पराली के प्रबंधन के लिए औद्योगिक इकाइयों के साथ संपर्क किया जाए। इसके साथ ही गौशालाओं में भी पराली के उपयोग के लिए कदम बढ़ाए जाएं ताकि किसान पराली को न जलाए और वह पराली को बेचकर आय प्राप्त कर सके।
कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि किसानों को प्राकृतिक, जैविक और बागवानी फसलों की खेती करने की दिशा में जागरूक करने के लिए आगामी मार्च माह में एक दिवसीय सम्मेलन या कार्यशाला का आयोजन किया जाए, जिसमें गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और जैविक खेती के जाने-माने वैज्ञानिक सुभाष पालेकर को आमंत्रित किया जाए। इसके साथ ही प्रदेश के अन्य मंत्री व विधायकगणों को भी आमंत्रित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह के सम्मेलन में सभी हितधारक अपने सुझाव सांझा कर पाएंगे, जिससे नई तकनीकों एवं अन्य माध्यमों की जानकारी प्राप्त कर इस दिशा में आगे बढ़ेंगे।
बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने इस वित्त वर्ष की कार्य योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्राकृतिक, जैविक और बागवानी फसलों की खेती को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, किसानों तक पहुंच बढ़ाने और मृदा स्वास्थ्य जांच के लिए ब्लॉक स्तर पर कृषि एवं बागवानी कार्यालय तथा मृदा स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं खोलने की योजना बनाई गई है।
बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के निदेशक चंद्र शेखर खरे, बागवानी एकीकृत विकास मिशन के मिशन निदेशक डॉ. बी. एस. सेहरावत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
राहुल गांधी ने कहा-दुनिया में ऐसी शक्ति नहीं है जो हिंदुस्तान के संविधान को बदल सके
भाजपा के गोदाम में देश के सब भ्रष्टाचारी : अखिलेश यादव
नीतीश कुमार ने किया लालू यादव पर हमला, कहा- इतना ज्यादा बाल-बच्चा पैदा नहीं करना चाहिए...
Daily Horoscope