चंडीगढ़। लोकसभा आम चुनाव 2019 में आदर्श आचार संहिता के दौरान किसी भी उम्मीदवार या राजनैतिक पार्टियों द्वारा विज्ञापन सामग्री को प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में छपवाने या प्रसारण के लिए देने से पूर्व मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग (एम.सी.एम.सी) से सर्टिफिकेट प्राप्त करना अनिवार्य है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हरियाणा के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. इन्द्रजीत ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 127ए के तहत कोई भी व्यक्ति किसी निर्वाचन पुस्तिका या पोस्टर को तभी मुद्रित करेगा या मुद्रित करवाएगा जब उसके पहले पेज पर मुद्रक और प्रकाशक का नाम और पता अंकित होगा।
उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति किसी चुनव पैम्फलेट या पोस्टर को तभी मुद्रित करवा सकता है, जब प्रकाशक अपने द्वारा हस्ताक्षरित और ऐसे दो व्यक्तियों द्वारा जो उसे स्वयं जानते हैं, उनके द्वारा प्रमाणित घोषणा पत्र मुद्रक को सौंपेगा। इसके बाद निर्धारित समय में मुद्रित किये गए दस्तावेज के बाद मुद्रक दस्तावेज सहित प्रमाणित घोषणा पत्र की एक कॉपी, यदि राज्य की राजधानी में मुद्रित की जाती है तो मुख्य निर्वाचन अधिकारी अथवा जिला मजिस्ट्रेट को जमा करवाएगा। इस धारा के तहत हाथ से लिखे हुए दस्तावेज के अलावा किसी भी दस्तावेका की यदि अनेक प्रतियां बनाई गई हैं उसे मुद्रण के लिए समझा जाएगा और अभिव्यक्ति प्रिटर के अनुसार माना जाएगा।
उन्होंने बताया कि कोई व्यक्ति अगर इस धारा का उल्लंघन करेगा दो 6 माह तक के कारावास या 2 हजार रुपये जुर्माना या दोनों दंड दिये जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि उम्मीदवार या राजनैतिक दलों को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रसारण करवाने हेतू एमसीएमसी से सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक रुप में प्रस्तावित विज्ञापन की दो कॉपी के साथ सत्यापित ट्रांसस्क्रिप्ट कॉपी देना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि एमसीएमसी ब्लक एसमएमएस/वॉयस मैसेज पर भी निगरानी रखेगी ताकि चुनाव के दौरान इस माध्यम के द्वारा आपत्तिजनक सामग्री का प्रचार न किया जा सके। ब्लक एसएमएस/वॉयस मैसेज भेजने के लिए भी एमसीएमसी सर्टिफिकेषन अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि विज्ञापन को टीवी चैनल, केबल नेटवर्क, सिनेमा हॉल, रेडिया, सोशल मीडिया इत्यादि पर चलाने के लिए एमसीएमसी से सर्टिफिकेट प्राप्त करना अनिवार्य है।
उन्होंने बताया किविज्ञापन में सांप्रदायिक, गैरकानूनी, जाति, भाषा और राष्ट्र विरोधी कोई सामग्री का प्रयोग न किया जाए, जिससे आचार संहिता का उल्लंघन हो। उन्होंने बताया कि आचार संहिता के दौरान उम्मीदवार या राजनैतिक पार्टियों द्वारा विज्ञापन सामग्री इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रसारण के लिए दी जाएगी तो उस इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संस्थान को यह चैक करना अनिवार्य होगा कि उम्मीदवार या राजनैतिक पार्टी द्वारा विज्ञापन के प्रसारण का प्रमाण पत्र एम.सी.एम.सी से प्राप्त किया गया हो। उन्होंने बताया कि यदि इन निर्देशों की उल्लंघना हुई तो भारतीय दंड संहिता की धारा 171एच के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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