चंडीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य में गांवों एवं शहरों के तालाबों की सफाई की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए कहा कि ऐसा करते समय बस्तियों में स्थित तालाबों को प्राथमिकता दी जाए ताकि लोगों को कोई असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि अतिप्रवाह वाले तालाबों के प्रबंधन के लिए भी एक व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि व्यर्थ बह रहे पानी का उपयोग सिंचाई कार्यों के लिए किया जा सके। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मनोहर लाल, जो हरियाणा तालाब एवं व्यर्थ जल प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं, ने आज यहाँ प्राधिकरण की गवर्निंग बॉडी की पहली बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने निर्देश दिए कि बारिश का मौसम शुरू होने से पहले तालाबों का समस्त पानी निकाल कर वर्ष में कम से कम एक बार तालाबों को पूरी तरह से खाली किया जाना चाहिए। वर्तमान में, प्रदेश में, 18,000 तालाब हैं जिनमें 15,500 ग्रामीण तालाब हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्य में धार्मिक महत्व के तालाबों की पहचान करने के भी निर्देश दिए और कहा कि उन्हें धार्मिक दृष्टिकोण से विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि हाल ही में उन्होंने जिला कुरुक्षेत्र, करनाल और जींद में आने वाले 30 से 35 धार्मिक स्थलों का दौरा किया और विशेष रूप से पवित्र सरोवरों के जीर्णोद्घार के लिए 30 से 40 करोड़ रुपये का अनुदान देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे शीघ्र ही हरियाणा तालाब एवं व्यर्थ जल प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा विकसित किए जा रहे पांच तालाबों का दौरा करेंगे।
प्राधिकरण ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि राज्य में अतिप्रवाह वाले तालाबों की समस्या अगले आठ महीनों में हल हो जाएगी। ऐसे तालाबों की पहचान करने का कार्य प्रगति पर है और यह कार्य एक महीने में पूरा हो जाएगा।
बैठक में बताया गया कि लगभग 3900 ग्रामीण तालाब ऐसे हैं जिनमें नहरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है। ऐसे तालाबों की संख्या जल्द ही 4300 हो जाएगी। आगामी छ: माह में प्रत्येक जिले में एक-एक मॉडल तालाब विकसित किया जाएगा। इससे हरियाणा प्रत्येक जिले में एक मॉडल तालाब वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।
बैठक में यह भी बताया गया कि तालाबों के मानचित्रिकरण का कार्य प्रगति पर है और यह कार्य अगले तीन महीनों के भीतर पूरा हो जाएगा। वर्तमान में, सिंचाई एवं जल संसाधन और विकास एवं पंचायत विभागों द्वारा संयुक्त रूप से 10,000 मौजूदा तालाबों का विवरण एकत्रित किया गया है। यह कार्य पूरा हो जाने के बाद हरियाणा तालाबों का मानचित्रिकरण करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा जहां तालाबों की विस्तृत जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी।
प्राधिकरण के कार्यकारी उपाध्यक्ष सुभाष पांडे ने राज्य में प्राकृतिक जल संसाधनों के प्रबंधन और कायाकल्प के लिए हरियाणा तालाब एवं व्यर्थ जल प्रबंधन प्राधिकरण स्थापित करने हेतु मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। अगले तीन वर्षों में राज्य में 200 नए तालाबों को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
बाद, मुख्यमंत्री ने ईज आफ डुइंग बिजनेस से सम्बन्धित एक बैठक की भी अध्यक्षता की। बैठक में बताया गया कि सभी विभागों की कड़ी मेहनत, गहन निगरानी एवं समर्थन और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन के फलस्वरूप हरियाणा ईज-आफ डुइंग बिजनेस के मामले में देश में 14वें स्थान से तीसरे स्थान पर आ गया है।
बैठक में 20 नवंबर 2018 तक बिजनेस रिफार्म एक्शन प्वाइंट, 2018 का शतप्रतिशत संकलन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गये, क्योंकि मार्च, 2019 तक ईज आफ डुइंग बिजनेस रैंकिंग की घोषणा होने की सम्भावना है। इस वर्ष जून मास में बिजनेस रिफार्म एक्शन प्वाइंट, 2018 के सुधार प्वाइंट्स बारे सम्बन्धित विभागों को पहले ही सूचित किया जा चुका है।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, अतिरिक्त प्रधान सचिव वी उमाशंकर, उप प्रधान सचिव आशिमा बराड़ा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, उद्योग और वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेन्द्र सिंह, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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