चंडीगढ़। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रोजाना हो रही बढ़ोतरी पर पंजाब ने विरोध जताया है। साथ ही मोदी सरकार से कहा है कि इसे जीएसटी के दायरे में लाया जाए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पंजाब
ग्रामीण विकास एवं पंचायत और भवन निर्माण व शहरी विकास मंत्री तृप्त
रजिन्दर सिंह बाजवा ने आज जहाँ पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में हुई रिकार्ड
तोड़ वृद्धि के लिए केंद्र सरकार की दोषपूर्ण नीतियों की कड़ी निंदा की है
वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कहा है कि अब वह इस मसले पर डॉ.
मनमोहन सिंह को दी गई अपनी सलाह पर खुद अमल करें।बाजवा ने माँग की है कि पेट्रोल और डीज़ल को जीएसटी सिस्टम के अंदर लाया
जाये और इसके साथ ही लोगों को तत्काल राहत देने के लिए पैट्रोलियम पदार्थों
पर लगने वाली एक्साईज ड्यूटी और वैट की दरों में तुरंत कमी की जाये।
पंचायत
मंत्री ने कहा, ‘‘देश में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में वृद्धि ने पिछले
सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। मोदी ने इस मामले में अब चुप्पी क्यों
साधी हुई है? उन्होंने एक समय डॉ. मनमोहन सिंह को पेट्रोल डीज़ल की कीमतों
में वृद्धि को गंभीरता से लेने के लिए कहा था और मेरी माँग है कि मोदी
2014 से पहले डॉ. मनमोहन सिंह को दी गई अपनी सलाह पर खुद अमल करें क्योंकि
अब हालात बहुत ही बद्तर हो चुके हैं और इनको गंभीरता से लिया जाना
चाहिए।’’बाजवा
ने कहा कि मोदी द्वारा 23 मई 2012 को एक ट्वीट करके कहा गया था,
‘‘पेट्रोल की कीमतों में भारी वृद्धि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के
फेल होने का एक स्पष्ट उदाहरण है।
इस वृद्धि से गुजरात के लोगों पर हज़ारों
करोड़ रुपए का बोझ पड़ गया है।’’कैबिनेट
मंत्री ने कहा कि मई 2014 और सितम्बर 2017 के समय के दौरान पेट्रोल और
डीज़ल पर लगने वाली एक्साईज़ ड्यूटी में 12 बार वृद्धि की गई। उन्होंने कहा
कि इस समय के दौरान पेट्रोल पर एक्साईज़ ड्यूटी में 54 प्रतिशत और वैट में
46 प्रतिशत वृद्धि की गई जबकि डीज़ल पर एक्साईज़ ड्यूटी में 154 प्रतिशत
और वैट में 48 प्रतिशत वृद्धि हुई।उन्होंने
कहा कि प्राथमिक ज़रूरतों की इन वस्तुओं में हुए बेतहाशा वृद्धि ने समूची
आर्थिकता पर बहुत ही बुरा प्रभाव डाला है और निष्कर्ष के तौर पर लोगों का
जीना कठिन हो गया है। मोदी को पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में वृद्धि
से महँगाई में हुई वृद्धि बारे सोचना चाहिए। बाजवा ने कहा कि डीज़ल की कीमतों में हुए रिकार्ड तोड़ वृद्धि ने पंजाब की
आर्थिकता पर बहुत बुरा प्रभाव डाला है क्योंकि कृषि मशीनरी में इस्तेमाल
किए जाने के कारण राज्य में डीज़ल का बहुत ज़्यादा उपभोग होता है। डीज़ल की
कीमतों में हुई वृद्धि ने पहले ही कजऱ्े के बोझ तले दबे हुए किसानों को
होती थोड़ी-बहुत बचत भी ख़त्म हो गई है।
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