चड़ीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा कुछ समय पहले ही रोहतक में एक बड़ी रैली कर कांग्रेस आलाकमान को एक संदेश दिए जाने के बाद अब उनके कई वफादारों ने मंगलवार को यहां बैठक कर भविष्य की रणनीति पर विचार-विमर्श किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हरियाणा के 13 मौजूदा कांग्रेस विधायक, कुछ पूर्व सांसद व विधायकों के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रोहतक में 18 अगस्त को हुई मेगा रैली में हुड्डा द्वारा घोषित 30 सदस्यीय समिति का हिस्सा बने थे। अब इन वफादार नेताओं ने भविष्य की रणनीति पर निर्णय लेने के लिए राष्ट्रीय राजधानी स्थित हुड्डा के निवास पर बैठक की है। इस दौरान लिए गए फैसले की घोषणा बाद में चंडीगढ़ में की जाएगी।
हुड्डा ने रोहतक में अपनी रैली के दौरान अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के नरेंद्र मोदी सरकार के कदम का समर्थन करने के अलावा कांग्रेस को चेतावनी भी दी थी।
हुड्डा ने तब कहा था, "यह मुद्दा (कांग्रेस के साथ बने रहना) लोगों के भविष्य से संबंधित है, इसलिए मैं इस पर अकेला निर्णय नहीं ले सकता।"
केंद्रीय कांग्रेस नेतृत्व के लिए हुड्डा को राज्य में पार्टी की बागडोर सौंपने के लिए यह एक स्पष्ट संकेत था। अन्यथा वह इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अपने दम पर आगे बढ़ेंगे।
तीन दिन पहले ही हुड्डा व कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ पार्टी के हरियाणा प्रभारी गुलाम नबी आजाद से विधानसभा चुनाव से पहले राज्य इकाई प्रमुख के मुद्दे पर चर्चा हुई थी।
पार्टी नेताओं के अनुसार, हुड्डा और उनके वफादार अशोक तंवर को राज्य इकाई प्रमुख के पद से हटाने की मांग कर रहे हैं। आला नेतृत्व द्वारा हालांकि अभी इस मुद्दे पर फैसला करना बाकी है।
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