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हरियाणा की नौकरियों पर होना चाहिए हरियाणवियों का पहला हक : भूपेंद्र हुड्डा

Haryanvis should have the first right on Haryana jobs: Bhupendra Hooda - Chandigarh News in Hindi

चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि हरियाणा की नौकरियों पर पहला हक हरियाणवियों का होना चाहिए। अगर तमाम राज्य अपनी नौकरियों में स्थानीयों को प्राथमिकता देते हैं तो हरियाणा की बीजेपी सरकार ऐसा क्यों नहीं करती? जबकि हमारे युवाओं को नौकरी की सबसे ज्यादा जरूरत है। क्योंकि हरियाणा बेरोजगारी के मामले में देश का नंबर वन राज्य है। हुड्डा ने कहा कि बीजेपी हरियाणवी युवाओं को नौकरियों से पूरी तरह वंचित करने की नीति पर आगे बढ़ रही है। इसीलिए जानबूझकर सरकारी भर्तियों के लिए ऐसे नियम बनाए जा रहे हैं, जिसका लाभ अन्य राज्य के युवाओं को हो सके। हाल ही में सिंचाई विभाग में हुई अस्सिटेंट इंजीनियर्स की भर्ती इसका स्पष्ट उदाहरण है। हैरानी की बात है कि इस भर्ती में सामान्य वर्ग के 42 पदों पर अन्य राज्यों के 28 लोगों को नौकरी दे दी गई। ये बेहद निंदनीय है कि इसी तरह एचपीएससी की लगभग 70 प्रतिशत नौकरियां नॉन-हरियाणवियों को दे दी जाती हैं। इससे पहले बिजली विभाग की एसडीओ, बीडीपीओ से लेकर लेक्चरर्स तक कई भर्तियों में स्थानीय युवाओं के साथ यही धोखा हो चुका है।
एचपीएससी द्वारा सहायक पर्यावरण अभियंता भर्ती के सिलेबस से हरियाणा जीके को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। इतना ही नहीं एचपीएससी ने एचसीएस परीक्षा के लिए भी उन अभ्यार्थियों को अप्लाई करने की छूट दे दी है जिनके पास हरियाणा डोमिसाइल नहीं है। सिविल जज की भर्ती हुई जिसमें 110 में से 60 पदों पर बाहरी उम्मीदवारों को भर्ती किया गया। तकनीकी शिक्षा विभाग में प्राध्यापकों के सामान्य वर्ग के 153 में से 106 पदों पर बाहरी लोगों का चयन हुआ।
आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर भर्ती में सामान्य वर्ग के 427 में से 394 पदों की लिस्ट जारी हुई। लेकिन उसमें 75% उम्मीदवार बाहर के चयनित किए गए। जबकि हरियाणा गोल्ड मेडलिस्ट और यूनिवर्सिटी टॉपर्स का इसमें चयन नहीं हुआ। इससे पहले एचसीएस की भर्ती में भी 35 से 40% बाहरी उम्मीदवारों का चयन हुआ।
हुड्डा ने कहा कि एक तरफ जहां तमाम राज्य और खासकर भाजपा शासित राज्य अपनी नौकरियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकताएं देने के लिए सख्त नियम बना रहे हैं। उनके द्वारा भर्ती पेपरों में स्थानीय भाषा की अनिवार्यता से लेकर राज्य के सामान्य ज्ञान के प्रश्नों को बढ़ाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ हरियाणा सरकार के भर्ती पेपरों से प्रदेश के सामान्य ज्ञान संबंधी प्रश्नों को लगभग खत्म कर दिया गया है।
हुड्डा ने कहा कि बीजेपी ने अपनी हरियाणवी विरोधी मंशा उसी वक्त पूरी तरह स्पष्ट कर दी थी, जब उसने डोमिसाइल के नियमों में भी ढिलाई देते हुए 15 साल की शर्त को घटकर 5 साल कर दिया था। यानि अब कोई भी व्यक्ति बड़ी आसानी से हरियाणा का डोमिसाइल हासिल कर सकता है। साथ ही वो ना सिर्फ सामान्य वर्ग बल्कि हरियाणा में आरक्षित श्रेणी की नौकरियां भी हासिल कर सकता है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी 2 लाख पक्की नौकरियां देने का वादा करके तीसरी बार सत्ता में आई है। लेकिन अभी तक 2 लाख भर्तियों की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। यहां तक कि सरकार सीईटी तक नहीं करवा पा रही। इस बीच पहले से लटकी पड़ी इक्का-दुक्का भर्ती का रिजल्ट जारी होता है तो उसमें हरियाणवियों से ज्यादा अन्य राज्य के लोग होते हैं। यह प्रदेश के युवाओं के भविष्य से सीधा खिलवाड़ है। कांग्रेस हर स्तर पर इसका विरोध करेगी।

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