उन्होंने कहा कि हरियाणा में
एक राष्ट्र एक कर-जीएसटी की शुरूआत काफी अच्छी रही है और भौगौलिक दृष्टि
से छोटा राज्य होने के बावजूद हरियाणा सबसे ज्यादा जीएसटी एकत्र करने वाला
देश का 5वां राज्य है। जीएसटी के तहत हरियाणा का प्रतिव्यक्ति पूंजी राजस्व
संग्रह देश में सबसे ज्यादा 1876.97 रुपये है। उत्तराखंड में 1436.21 तथा
महाराष्ट्र में 1165.85 रुपये प्रतिव्यक्ति है।उन्होंने बताया
कि वर्ष 2017-18 के दौरान एकत्रित औसत राज्य जीएसटी 1505.93 करोड़ रुपये था
और वर्ष 2018-19 के पहले तीन महीनों के दौरान यह 1,804.96 करोड़ रुपये तक
पहुंच गया, जो सालाना 19.85 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। ये भी पढ़ें - ठगों ने बजाया कुंवारों का बैंड,ठगे लाखों
उन्होंने
कहा कि जीएसटी के तहत खाद्य पदार्थों पर छूट दी गई है। वैट के तहत
खाद्यान्नों पर 5 प्रतिशत कर लगाया गया है। खाद्यान्न से राज्य का कुल
संग्रह 1100 करोड़ रुपये था। हरियाणा राज्य एक मैनुफैक्चरिंग स्टेट है।
पूर्व जीएसटी शासन में, अंतर-राज्य लेनदेन पर राज्य को सीएसटी के तहत कर
अर्जित किया जाता था। जीएसटी के बाद राज्य को लगभग 5,000 करोड़ रुपये का
नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि आईजीएसटी निपटान के तहत हरियाणा को 952
करोड़ रुपये प्रतिपूर्ति के रूप में मिले हैं। उन्होंने बताया
कि लगातार चौथे वर्ष के लिए ई-निविदा के माध्यम से शराब ठेकों का आवंटन
किया गया है। आवंटन प्रक्रिया बिना किसी मैन्युअल हस्तक्षेप के ऑनलाइन की
जाती है।
इस
अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन, आबकारी एवं कराधान
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, आबकारी एवं कराधान आयुक्त
आशिमा बराड़, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक
समीर पाल सरो के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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