चंडीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री
मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को कहा कि किसानों के लिए पानी की उपलब्धता के
लिए दो साल में एक केंद्रीकृत जल निगरानी प्रणाली तैयार की जाएगी।
उन्होंने योजना तैयार करने का निर्देश देते हुए कहा कि इसमें सभी जिलों,
प्रखंडों और गांवों को शामिल किया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हरियाणा जल संसाधन
प्राधिकरण की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गिरते
भूजल स्तर को रोकने के लिए जल पुनर्भरण और इसके उपयोग की योजना बनाने की
आवश्यकता है ताकि लोगों को कृषि और घरेलू उपयोग के लिए पर्याप्त आपूर्ति
मिल सके।
उन्होंने अधिकारियों को विभिन्न क्षेत्रों के आधार पर
योजना बनाकर प्रत्येक गांव का जल उपलब्धता सूचकांक तैयार करने के निर्देश
दिए ताकि लोगों को भविष्य में पानी की उपलब्धता की जानकारी मिल सके।
मुख्यमंत्री
ने कहा कि कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल और पानीपत जैसे जिलों में पांच दशकों
में भूजल स्तर 80 फीट नीचे चला गया है, जो एक गंभीर समस्या है।
पानी
का स्तर जहां नीचे जा रहा है, वहीं भूजल की निर्भरता और दोहन लगातार बढ़ता
जा रहा है। इसके साथ ही पानी के तर्कसंगत उपयोग और कमी वाले क्षेत्रों में
पानी की आपूर्ति के लिए वैज्ञानिक तरीकों को अपनाना होगा।
जल
संसाधन प्राधिकरण की अध्यक्ष केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि पानी की उपलब्धता
के लिए अनुकूलित जल योजना तैयार की जाएगी। इसके लिए क्षेत्रों के आधार पर
विभिन्न भागों में भूजल स्तर के वर्गीकरण का अध्ययन किया जाएगा।
--आईएएनएस
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