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चंडीगढ। हरियाणा के विधानसभा चुनावों में ‘नशा’ इस बार एक बड़ा मुद्दा है। विपक्षी पार्टियों की तरफ से बढ़ते नशे को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा पर कड़े प्रहार किये जा रहे हैं। पंजाब की सीमा से सटे हरियाणा के विधानसभा क्षेत्रों में यह मुद्दा लगातार गर्म हो रहा है। जवाब में भाजपा की तरफ से भी नशे के विरुद्ध चलाए गए अभियान का बड़े जोर-शोर से जिक्र किया जा रहा है।
कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा कह रही हैं कि सत्ता में आने के बाद नशे के कारोबार को जड़ से खत्म किया जाएगा। नशा बेचने में लगे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। उनका आरोप है कि नशे पर अंकुश लगाने में भाजपा सरकार पूरी तरह नाकाम रही है। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) नेता अभय सिंह चौटाला भी आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा नेताओं की शह पर ही हरियाणा में नशे का कारोबार फल-फूल रहा है।
उधर, सत्तारूढ़ भाजपा के नेता भी मानते हैं कि हरियाणा में पिछले कुछ समय में नशे के बढ़ने की रिपोर्ट मिली हैं। इस सिलसिले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उत्तरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ दो बार बैठकें कर नशे पर रोक के लिए रणनीति तैयार की है। उत्तरी राज्यों की पुलिस भी इस मामले में मिल कर काम कर रही है। लेकिन नशे पर पूरी तरह से रोक के उपाय अभी कारगर साबित नहीं हो पाए हैं।
हालांकि, पहली बार हरियाणा सरकार ने उत्तरी राज्यों का एक ऐसा सचिवालय स्थापित किया गया है, जो सिर्फ नशे तस्करी के खिलाफ काम करेगा. हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू व कश्मीर, दिल्ली और राजस्थान राज्यों की पुलिस इस सचिवालय से जुड़ कर नशा का नेटवर्क तोड़ने में काम करेगी।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधानसभा चुनावों के दौरान पंजाब के लोगों से वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वे राज्य को नशामुक्त कर देंगे। उन्होंने अपने वाडे के मुताबिक नशे के खिलाफ सख्ती से अभियान भी चलाया, इसी का परिणाम था कि नशे के कारोबार में लगे लोग पंजाब से हट कर हरियाणा के सीमावर्ती जिलों में सक्रिय हो गए. हरियाणा के युवा वर्ग के नशे की चपेट में आने से भाजपा सरकार पहले ही चिंता जाहिर करती रही है, लेकिन अब विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बना कर इस चिंता को और बढ़ा दिया है।
यह मामला निर्वाचन आयोग के ध्यान में भी लाया गया है। विधानसभा चुनावों की व्यवस्था देखने के लिए पिछले दिनों चंडीगढ़ आये मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा था, 'हरियाणा में चुनाव के दौरान नशे के इस्तेमाल को रोकने के लिए हरियाणा, पंजाब व राजस्थान राज्यों की इंटेलीजेंस और स्थानीय पुलिस को पूरी तरह मुस्तैद रहने के निर्देश दे दिए गए हैं। इसके साथ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के महानिदेशक को भी इस पर कड़ी निगरानी और सख्त कार्रवाई के लिए कहा जा रहा है।'
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