चण्डीगढ़। हरियाणा में राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन तहत जिला कुुरुक्षेत्र के कृष्णा नगर गामड़ी में स्थापित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (यूपीएचसी) राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के अन्तर्गत गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाला भारत का पहला शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बन गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, कृष्णा नगर गामड़ी को यह गुणवत्ता प्रमाणपत्र अतिरिक्त सचिव एवं मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, भारत सरकार द्वारा प्रदान किया गया है।
मंत्री ने कहा कि सूचीबद्ध बाह्य मूल्यांकनकर्ताओं की एक टीम द्वारा 20 एवं 21 दिसंबर, 2017 को इस शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का बाह्य मूल्यांकन किया गया था। मूल्यांकन टीम द्वारा इस केन्द्र का आठ महत्वपूर्ण क्षेत्रों नामत: सेवा प्रावधान, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सहायक सेवाएं, क्लिनिकल सेवाएं, संक्रमण नियंत्रण, गुणवत्ता प्रबंधन और परिणामों के लिए आकलन किया गया। उन्होंने कहा कि इस यूपीएचसी ने भारत सरकार द्वारा तैयार दिशानिर्देशों के अनुसार राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणन के लिए आवश्यक सभी मानदंडों को पूरा किया और 91.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।
अनिल विज ने कहा कि भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2015-16 में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रकाशित किया था। यूपीएचसी का मेडिकल और पैरामेडिकल यूपीएचसी के गुणवत्ता मानकों के लिए उन्मुख थे। यूपीएचसी के गुणवत्ता आश्वासन मानक यूपीएचसी के प्रत्येक क्षेत्र के साथ ही प्रत्येक विभाग में कमियों को ढूढऩे, कमियों को प्राथमिकता देने और कमियों को दूर करने के लिए कार्य योजना पर केन्द्रित हैं।
उन्होंने कहा कि यूपीएचसी द्वारा लगातार अच्छा प्रदर्शन करने और उच्च अंक बनाए रखने के बाद, राज्य गुणवत्ता आश्वासन समिति द्वारा राष्ट्रीय गणुवत्ता आश्वासन प्रमाणन के लिए उसकी सिफारिश करने से पहले स्वतंत्र रूप से यूपीएचसी का मूल्यांकन किया जाता है।
मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन वास्तव में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अनुरूप कार्य करता है, जोकि झुग्गी बस्तियों में रहने वाली शहरी गरीब आबादी और अन्य सभी कमजोर वर्गों जैसे कि बेघर, कुड़ा उठाने वाले, झुग्गी निवासियों, सेक्स वर्कर, रिक्शा चालक, निर्माण श्रमिकों, गलियों में घुमने वाले बच्चों आदि पर विशेष बल देते हुए ऐसी गुणवत्तापरक व्यापक स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध करवाने पर विचार करता है जो लक्षित आबादी की आवश्यकता के मुताबिक सुविधाजनक और उत्तरदायी हो। उन्होंने कहा कि शहरी स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली के तहत दी जा रही सभी सेवाएं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से प्रदान की जा रही हैं।
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