चण्डीगढ़। तृतीय कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन,
रोहतक को संबोधित करते हुए केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह ने
कहा है कि हरियाणा देश की आबादी का पेट भरने के लिए चौदह प्रतिशत अन्न का
उत्पादन कर रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दूसरों
की भूमि का ठेके पर लेकर खेती करने वालों की लागत को भी पचास प्रतिशत
मुनाफे में जोडक़र फसल का मूल्य निश्चित किया जाएगा। इस अवसर पर सर छोटूराम
को याद करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों को अपनी आवाज सदा बुलंद
रखनी चाहिए।
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा
कि जीरो बजट खेती करके किसान कृषि व्यवसाय को लाभकारी बना सकता है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 1981 में कुरूक्षेत्र की भूमि पर तीन गायों से
उन्होंने गौ पालन शुरू किया था। आज दो सौ एकड़ भूमि में उनका गुरूकुल है और
आज भी वह गाय पालने के साथ-साथ खेती कर रहे हैं। देसी नस्ल की उनकी गाय 15
लीटर दूध देती है। गाय के गोबर से ही खाद बनाकर उसका इस्तेमाल फसल की
पैदावार में किया जाता है। वे यूरिया, कीटनाशक, स्प्रे आदि पर एक रूपया भी
खर्च नहीं करते। राज्यपाल ने बताया कि एक देसी गाय की बदौलत तीस एकड़ भूमि
में खेती की जा सकती है। इस सूत्र को प्रत्येक किसान अपनाए तो प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी का किसान की आय दुगुनी करने का संकल्प आसानी से पूरा हो सकता
है।
इस कृषि मेले के संयोजक व हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश
धनखड़ ने अपने ओजस्वी संबोधन में कहा कि दूसरे राज्यों के लोगों में भी
हमारे युवराज, सुलतान, कमांडों लोकप्रिय हैं। लोगों को विश्वास नहीं होता
कि एक मुर्रा नस्ल का झोटा करोंड़ों रूपए कमा सकता है। हरियाणा पशुपालन
व्यवसाय में आज दुनिया भर में नाम कमा रहा है। राज्य में 911 ग्राम प्रति
व्यक्ति और 6.8 लीटर प्रति पशु के हिसाब से दुग्ध का उत्पादन होता है। आने
वाले समय में हमारा संकल्प है कि हम प्रदेश को दुग्ध उत्पादन के लिहाज से
देश में नंबर एक बनाएंगे और अपने राज्य को ही नहीं, दिल्ली, गाजियाबाद,
नौएडा, गुरूग्राम एनसीआर क्षेत्र के घरों में ताजा दूध की रोजाना सप्लाई
करेंगे। दुग्ध क्रांति से हरियाणा का किसान और समृद्ध होगा, ऐसा उनका
विश्वास है।
कृषि मेले के मुख्य पांडाल में उपस्थित हजारों किसानों
को संबोधित करते हुए ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि हरियाणा में जल्दी ही दुधारू
पशुओं की पीजी शुरू की जाएगी। जहां कोई भी व्यक्ति अपनी गाय या भैंस का
पालन करवा सकता है और उसका दूध भी घर में इस्तेमाल कर सकता है। प्रदेश में
दूध उत्पादन की ईनामी प्रतियोगिताओं में गायों को चार करोड़ और भैंसों को
पांच करोड़ रूपए के पुरस्कार दिए जा रहे हैं।
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