चण्डीगढ़, । हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र सदन के नेता एवं
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पहल पर सदन के सदस्यों को बना रहा है आईटी
सेवी। 56 वर्षों में देश की हरित क्रांति में अग्रणी रहा हरियाणा अपने गठन
के बाद अब आईटी का सिरमौर भी बन रहा है। पहली बार विधानसभा सदन में
विधायकों की सीटों पर लगे टैबलेट्स का सदस्य भरपूर उपयोग कर रहे हैं और
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चन्द गुप्ता की विधानसभा को पेपरलेस बनाने का
लक्ष्य भी साकार हो रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हरियाणा देश का तीसरा राज्य है, जिसकी
विधानसभा को पेपरलेस किया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने शीतकालीन सत्र के
दौरान सदन को अवगत करवाया कि पेपरलेस बनाने के उठाए गये कदमों के
परिणामस्वरूप मुद्रण कार्य में उल्लेखनीय कमी दर्ज हुई है और पर्यावरण
संरक्षण में मदद मिली है।
उल्लेखनीय है कि हैदराबाद व बैंगलूरू के
बाद हरियाणा का गुरूग्राम आईटी हब बना है और विश्व की सैंकड़ों फॉर्च्यून
कम्पनियों ने हरियाणा को चुना है। इतना ही नहीं, आज राज्य में आईटी
कम्पनियों द्वारा नये-नये साफ्वेयर डेवेलेप किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल पिछले आठ वर्षों से आम जन की पहुंच आईटी तक पहुंचाने की
दिशा में लगे हैं और अब इसकी झलक 25 दिसम्बर को सुशासन दिवस के अवसर देखने
को मिली जब स्वयं मुख्यमंत्री 6500 से अधिक स्थानों से जनप्रतिनिधियों सहित
प्रशासनिक अधिकारियों सहित वर्चुअली जुड़े और 118 से अधिक कर्मचारियों व
अधिकारियों को आईटी पहलों के लिए सुशासन पुरस्कारों से सम्मानित किया।
इससे
न केवल हम आईटी की ओर बढ़े हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी सहयोग करने
में सफल हो रहे हैं। जलवायु परिवर्तन के चलते आज पर्यावरण संरक्षण एक
वैश्विक चिंता का विषय बन गया है। केन्द्र सरकार ने आजादी के 75वें अमृत
महोत्सव के कार्यक्रमों में भी पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान केन्द्रित
किया है और हरियाणा भी इस दिशा में हर कार्यक्रम को धरातल पर उतार रहा है।
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