चंडीगढ़ । अब बिना किसी कारण के
सरकारी सेवाओं की समय पर डिलीवरी के अनुरोध को खारिज करना अधिकारियों को
महंगा पड़ेगा।
सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त टी.सी. गुप्ता ने कहा कि सभी नागरिक
को निर्धारित समय के भीतर सरकारी सेवाएं प्राप्त करने का अधिकार सुनिश्चित
करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि वे
अनावश्यक रूप से आवेदनों को खारिज करने की अपनी आदत को बदल लें। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शुक्रवार
को सोनीपत में समीक्षा बैठक में उन्होंने बड़ी संख्या में लंबित आवेदनों
वाले अधिकारियों को तलब कर कारणों की विस्तार से जांच की।
उन्होंने
कहा कि राज्य का एकमात्र उद्देश्य यह है कि आम आदमी को सभी सरकारी सेवाओं
और योजनाओं का लाभ मिले। उन्होंने अधिकारियों को आवेदक की आवश्यकताओं को
पूरा करते हुए समय पर काम पूरा करने के लिए कहा है।
उन्होंने कहा
कि 31 विभागों की 546 सेवाओं को सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें से 277
सेवाएं ऑनलाइन हैं। लोगों को इन सेवाओं के वितरण में किसी भी प्रकार की
समस्या का सामना नहीं करना चाहिए जो समय सीमा के भीतर है।
उल्लंघन
करने वाले अधिकारी पर जुर्माना लगाया जाएगा और अगर किसी अधिकारी पर तीन बार
जुर्माना लगाया जाता है, तो इससे उसकी नौकरी भी जा सकती है।
मुख्य
आयुक्त ने कहा कि कुछ सेवाओं में प्रथम अपीलीय अधिकारी उपायुक्त, अतिरिक्त
उपायुक्त और एसडीएम होते हैं, जिनके पास जुर्माना लगाने की शक्ति होती है।
कुछ मामलों में आयोग उन पर भी जुर्माना लगा सकता है।
उन्होंने कहा कि 1 जनवरी, 2022 से अधिसूचित सेवाओं का विस्तार किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा फायदा लोगों तक पहुंचाया जा सके।
--आईएएनएस
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