चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहाकि हरियाणा सरकार बाढ़ राहत के लिए हिमाचल सीएम राहत कोष में 5 करोड़ रुपए की सहायता राशि देगी। उन्होंने कहाकि सरकार राज्य में पिछले दिनों हुई भारी बारिश के कारण प्रभावित इलाकों और लोगों को आर्थिक और मेडिकल सहायता समेत हर संभव मदद प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा कि 12 जिलों अंबाला, फतेहाबाद, फरीदाबाद, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, पंचकूला, पानीपत, पलवल, सोनीपत, सिरसा और यमुनानगर को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है। 1353 गांवों और 4 एमसी क्षेत्र बारिश व बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री बुधवार को यहां मीडिया कर्मियों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 8 से 12 जुलाई के दौरान राज्य में 110 एमएम वर्षा हुई, जोकि सामान्य 28.4 एमएम का 387 प्रतिशत है। यमुनानगर में सामान्य बारिश 32.8 एमएम, कुरूक्षेत्र में 32.9 एमएम, पंचकूला में 53 एमएम और अंबाला में 58.5 एमएम होती थी। जबकि इस बार इन चारों जिलों में क्रमशः सामान्य बारिश का 842, 814, 699 व 514 प्रतिशत वर्षा हुई है।
हरियाणा के अधिकांश भागों के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों- हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में भी अत्यधिक भारी वर्षा हुई है। इससे राज्य में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई और सामान्य स्थिति बिगड़ गई। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
खनन का बाढ़ से कोई संबंध नहींः
विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहाकि विपक्ष द्वारा यह बयान देना कि नदियों में बढ़ते खनन के कारण राज्य में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई है, यह बयान अतार्किक हैं। क्योंकि बाढ़ और खनन का कोई संबंध नहीं है। नदी तलों में वैध खनन से नदियों की जल ग्रहण क्षमता में वृद्धि हो सकती है और निचले इलाकों में बाढ़ को रोकने में मदद मिलती है। क्योंकि खनन प्रक्रिया में अतिरिक्त जमा गाद को हटा दिया जाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि नहरों से खनन और अतिरिक्त सिल्ट को हटाया जाना चाहिए ताकि नहरों की तलहटी में उनकी जल क्षमता भी बढ़ सके।
बारिश व बाढ़ के कारण 35 लोगों की मृत्यु हुईः
मनोहर लाल ने बताया कि अभी तक प्राप्त सूचना के अनुसार प्रदेश में बारिश व बाढ़ से 35 लोगों की मृत्यु हुई है। मृत्यु होने पर लोगों के परिवारों को डिजास्टर फंड में से 4 लाख रुपए प्रति व्यक्ति मुआवजा दिया जाएगा। अंगों की हानि के लिए यदि दिव्यांगता 40 से 60 प्रतिशत है तो प्रति व्यक्ति 74,000 रुपए, यदि दिव्यांगता 60 प्रतिशत से अधिक है तो प्रति व्यक्ति 2 लाख 50 हजार रुपए दिये जायेंगे। इसके अलावा, दुधारू पशुओं के लिए भी फंड के प्रावधान अनुसार सहायता दी जाएगी। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लगभग 6629 व्यक्तियों को निकाला गया है।
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