चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने पिछले 8 साल में कृषि को जोखिम फ्री करने के लिए हर बार बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया है। उदाहरण के तौर पर 2022-23 के बजट में एक दो नहीं बल्कि दर्जन भर से ज्यादा योजनाओं को कृषि क्षेत्र को समर्पित किया था। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों की आमदनी में वृद्धि करना है। कृषि को जोखिम फ्री करने के लिए बनाई गई योजनाओं का प्रभाव दिखने लगा है। फ़सल बीमा योजना और आपदा प्रबंधन के तहत मिलने वाले मुआवजे के लिए सरकार ने अपने खजाने खोल दिए। पूर्वर्ती सरकार के समय में कम बाजार भाव से परेशान होकर किसान द्वारा अपना टमाटर या आलू सड़कों पर फैंक देना आम था। परन्तु वर्तमान सरकार की भावांतर भरपाई योजना किसानों के वरदान साबित हुई।
भाजपा प्रवक्ता प्रवीण आत्रेय ने कहा कि कृषि जरूरत को समझते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ऐसी योजनाएं बनाई जिनके कारण प्रदेश का किसान ज्यादा सशक्त और आत्मनिर्भर हुआ। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास के कारण मोटे अनाज को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को मोटे अनाज का वर्ष घोषित किया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस को हरियाणा के किसान के हक़ में एक अवसर मानते हुए भिवानी में बाजरा तथा अन्य मोटे अनाजों में अनुसंधान के लिए क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र शुरू करने का विचार किया। क्योंकि हरियाणा बाजरे की खेती के लिए प्रसिद्ध है। इन प्रयासों का सीधा लाभ हमारे किसानों को होगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रवीण आत्रेय ने कहा कि हरियाणा के बागवानी किसानों की आर्थिक प्रगति के लिए प्रदेश सरकार ने हार्टिकल्चर विज़न 2030 के माध्यम से बागवानी के क्षेत्र को दोगुना करने तथा उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया। राज्य के बागवानी किसानों को किराए पर मशीनें उपलब्ध करवाने के लिए पांच मशीन बैंक स्थापित करने का विचार सरकार के किसानों के प्रति समर्पण दिखाता है। गत वर्ष प्रदेश में बनने वाले 100 किसान उत्पादक संघों को निजी क्षेत्र के चंगुल से मुक्त रखने के लिए किसान उत्पादक संघों में किसान की भागीदारी अनिवार्य कर दी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले बजट में डेयरी तथा पशुपालन क्षेत्र की रोजगार पैदा करने की क्षमता को समझते हुए एक लाख अंत्योदय परिवारों को पशुपालन जैसे भेड़, बकरी, सूअर पालन तथा पोल्ट्री की स्थापना के वित्तीय सहायता देने का लक्ष्य रखा था। प्रदेश के मुख्यमंत्री का उद्देश्य प्राकृतिक तथा जैविक खेती को प्रोत्साहित करके किसानों की फ़सल को लागत मुक्त करना है। सरकार इस प्रयास को सफलता पूर्वक अमलीजामा पहना रही है। हरियाणा में वर्मीकम्पोस्ट के उत्पादन और उपयोग के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
प्राकृतिक तथा जैविक खेती में फ़सल का भाव ज्यादा मिलता हैः
प्रवीण आत्रेय ने कहा हरियाणा सरकार ने मनोहर लाल के नेतृत्व में किसानों और कृषि समस्याओं का स्थाई समाधान दिया। प्रदेश के किसानों का स्थाई संस्कृतिकरण किया। आज़ किसान सरकार के काम और योजनाओं से प्रसन्न तथा संतुष्ट हैं।
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