चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने 20 किलोवॉट तक बिजली का उपभोग करने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) को एक बड़ा तोहफा दिया है। इन एमएसएमई को एक मई, 2018 से 6.65 रुपये प्रति यूनिट के बजाय 4.75 रुपये प्रति यूनिट की दर से शुल्क देना होगा। दोनों दरों के अंतर की राशि सीधे डीबीटी के माध्यम से उद्योग विभाग द्वारा इन लाभपात्र एमएसएमई के बैंक खातों में हस्तांतरित की जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज यह घोषणा उनसे मिलने आए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए की। यह प्रतिनिधिमंडल सीआईआई, उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष सचित जैन के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मिलने आया हुआ था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान ओएसडी, नीरज दफ्तुआर भी उपस्थित थे। प्रतिनिधिमंडल ने सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम स्तर के उपक्रमों के लिए राहत की घोषणा करने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल का आभार व्यक्त किया।
इसी दौरान, उद्योग और वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल ने बिजली दरों को कम करने के फैसले को हरियाणा सरकार का ऐतिहासिक एवं साहसिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस निर्णय से 20 किलोवाट तक बिजली का उपभोग करने वाले सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम स्तर के उपक्रमों को बढ़ावा मिलेगा। राज्य सरकार ने प्रदेश के छोटे-बड़े सभी उद्योगपतियों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं। प्रदेश में विकास बढ़ाने के लिए ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्किलिंग इंडिया’ अभियान चलाए जा रहे हैं तथा एक अनूठी ‘उद्यम प्रोत्साहन नीति-2015’ (ईपीपी) लागू की गई है।
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