चंडीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग, अधीनस्थ कार्यालय (ग्रुप डी) सेवा नियम, 2018 को स्वीकृति प्रदान की गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सेवा में भर्ती की आयु हरियाणा ग्रुप डी कर्मचारी (भर्ती एवं सेवा शर्त) अधिनियम, 2018 (2018 का 5) की धारा 6 में निर्दिष्ट के अनुसार होगी।
लैब अटैन्डेंट, स्वास्थ्य सहायक, सेवादार, चौकीदार, स्वीपर, माली और पैकर के मामले में, सेवा में भर्ती हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) के माध्यम से सीधी भर्ती द्वारा या किसी भी राज्य सरकार या भारत सरकार की सेवा में पहले से नियुक्त कर्मचारी के स्थानांतरण या प्रतिनियुक्ति द्वारा की जाएगी। सीधी भर्ती द्वारा नियुक्ति होने पर व्यक्ति दो वर्ष की अवधि के लिए और अन्य प्रकार से नियुक्ति होने पर एक वर्ष के लिए प्रोबेशन पर रहेगा।
कर्मचारी को, ऐसी कम्पनी, एसोसिएशन या व्यक्तियों के निकायों चाहे शामिल हो या नहीं, जो पूरी तरह से या पर्याप्त रूप से राज्य सरकार द्वारा स्वामित्व या नियंत्रित हैं, राज्य में नगर निगम या स्थानीय प्राधिकरण या विश्वविद्यालय, केंद्र सरकार या कंपनी, एसोसिएशन या व्यक्तियों के निकाय, चाहे शामिल हो या नहीं, जो पूरी तरह से या पर्याप्त रूप से केंद्र सरकार या किसी अन्य राज्य सरकार द्वारा स्वामित्व या नियंत्रित है, अंतरराष्ट्रीय संगठन, स्वायत्त निकाय, जो सरकार या निजी निकाय द्वारा नियंत्रित नहीं हैं, की सेवा के लिए भी नियुक्त किया जा सकता है।
क्रमांक-2018
चंडीगढ़, 15 नवंबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इलैक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का नाम बदल कर सूचना प्रौद्योगिकी, इलैक्ट्रोनिक्स एवं संचार विभाग रखने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
प्रदेश में संचार से जुड़ी अवसंरचना सुविधाओं में सुधार लाने के उद्देश्य से इलैक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने संचार एवं संयोजकता अवसंरचना नीति नामक एक नीति अधिसूचित की थी। परन्तु अभी इस नीति के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए संचार क्षेत्र में संबंधित कार्यों को विभाग के कार्य नियमों में शामिल किया जाना है। इसलिए विभाग के कार्य नियमों में संचार क्षेत्र से संबंधित कार्यों को शामिल करने की आवश्यकता है। इसलिए विभाग के रूल ऑफ बिजनेस में सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित कार्यों को शामिल करना आवश्यक है। भारत सरकार द्वारा समय-समय पर दूरसंचार क्षेत्र में जारी सभी अन्य निर्देशों एवं दिशा-निर्देशों और संचार प्रौद्योगिकी से संबंधित सभी मामलों में राज्य की नीति का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए विभाग का नाम बदला जाना आवश्यक है।
इलैक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का नाम बदल कर सूचना प्रौद्योगिकी, इलैक्ट्रोनिक्स एवं संचार विभाग रखना इस लिए आवश्यक हो गया क्योंकि सरकार नागरिक सेवाओं और प्रशासन प्रक्रिया के वितरण में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देती है।
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