चंडीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में हरियाणा राज्य युवा नीति तैयार करने को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य राज्य के युवाओं को उनकी पूर्ण क्षमता प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाना है ताकि समाज का सर्वांगीण विकास हो सके। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस नीति का उद्देश्य 15 से 29 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं को अधिक केंद्रित करना है, जो राष्ट्रीय युवा नीति में प्रदान की गई युवाओं की परिभाषा के अनुरूप है।
नीति का उद्देश्य उत्पादक कार्य बल का निर्माण करना है, जो राज्य और भारत के आर्थिक विकास में एक स्थायी योगदान दे सके। इसका उद्देश्य भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए एक मजबूत और स्वस्थ पीढ़ी विकसित करना भी है। नीति सामाजिक मूल्यों को स्थापित करेगी और राष्ट्रीय स्वामित्व के निर्माण के लिए सामुदायिक सेवा को बढ़ावा देगी। यह शासन के सभी स्तरों पर सहभागिता और नागरिक जुड़ाव की सुविधा प्रदान करेगी। यह जोखिम में युवाओं का भी सहयोग करेगा और सभी वंचित और हाशिए के युवाओं के लिए समान अवसर प्रदान करेगी।
खेल और युवा मामले विभाग एक उपयुक्त समन्वय तंत्र स्थापित करके नीति के कार्यान्वयन के लिए नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा। शिक्षा, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, महिला और बाल विकास, सामाजिक न्याय और अधिकारिता, तकनीकी शिक्षा, रोजगार एवं प्रशिक्षण, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, वन और पर्यावरण, संस्कृति विभाग , पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि, राजस्व और आपदा प्रबंधन, गृह, श्रम और उद्योग विभाग उनकी नीतियों और कार्यक्रमों के महत्वपूर्ण घटक हैं ,जो युवा लोगों के लिए प्रासंगिक हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, सभी संबंधित विभागों के मंत्रियों, मुख्य सचिव और प्रधान सचिव, वित्त के साथ मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार समिति का गठन किया जाएगा। समिति युवा नीति के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगी और आवश्यकता पडऩे पर इसे ओर दिशा देगी। खेल और युवा मामले विभाग का प्रशासनिक सचिव उच्चाधिकार समिति का सदस्य-संयोजक होगा।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कार्यबल का गठन संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिवों के साथ किया जाएगा। खेल और युवा मामले विभाग के निदेशक टास्क फोर्स के सदस्य-संयोजक होंगे। टास्क फोर्स मानदंडों को निर्धारित करेगा और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए राज्य, जिला और ब्लॉक स्तरों पर प्रगति को मापने के लिए संकेतकों की सूची तैयार करेगा। जिला स्तर पर, उपायुक्त विभिन्न सम्बन्धित विभागों के बीच समन्वय के लिए जिम्मेदार होंगे।
राज्य सरकार प्रदेश में युवाओं को शिक्षित करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की देख-रेख के लिए एक राज्य युवा आयोग का गठन कर सकती है, जिसके अध्यक्ष और ऐसे सदस्यों की संख्या को डिम्ड-फिट माना जाएगा।
नीति का मूल्यांकन हर तीन साल में एक बार तटस्थ और विश्वसनीय एजेंसियों के माध्यम से किया जाएगा और इन परिणामों के आधार पर और राज्य में युवा लोगों की बढ़ती जरूरतों के अनुसार कार्यक्रमों और हस्तक्षेपों को फिर से डिज़ाइन किया जाएगा। स्थिति अनुसार उपयुक्त परिवर्तनों के लिए हर पांच साल में नीति की समीक्षा की जाएगी।
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