चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र 13 नवंबर से शुरू होने जा रहा है, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस देखने को मिलेगी। तीन दिवसीय इस सत्र में जहां एक ओर राज्य सरकार अपनी विकासात्मक योजनाओं और उपलब्धियों को लेकर सदन में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश करेगी, वहीं विपक्ष सरकार के दावों को खारिज करते हुए कई अहम मुद्दों पर सख्त सवाल खड़ा करेगा।
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यह सत्र हरियाणा विधानसभा के आगामी चुनावों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसमें सरकार की नीतियों पर विपक्ष तगड़ा हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ने वाला। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार ने कई अहम मुद्दों पर सही तरीके से काम नहीं किया और राज्य की जनता को विकास के नाम पर धोखा दिया है। अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष किस तरह से सरकार को घेरने के लिए अपनी रणनीति बनाता है।
सत्र के दौरान कांग्रेस के नेताओं की सक्रियता पर भी खास ध्यान रहेगा। हालांकि, फिलहाल कांग्रेस की तरफ से कोई नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं किया गया है, जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र की अवधि घटने के कारण यह सवाल अहम हो गया है कि कांग्रेस का अगला नेता प्रतिपक्ष कौन होगा? कांग्रेस के अंदर इस पद को लेकर अंदरूनी संघर्ष भी छिपा हुआ है, और आगामी सत्र में यह देखने योग्य होगा कि कौन पार्टी की अगुवाई करेगा।
इस सत्र में विशेष रूप से किसानों, बेरोज़गारी, महिला सुरक्षा, और सामाजिक कल्याण जैसे मुद्दों पर विपक्ष ने अपनी तीरें साधी हैं। विपक्ष का कहना है कि सरकार ने इन समस्याओं के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं और सत्र में इन पर सरकार को घेरा जाएगा।
वहीं, सत्ता पक्ष का दावा है कि हरियाणा में अब विकास की गति तेज हो चुकी है और सरकार ने राज्य में कई परियोजनाओं को लेकर अभूतपूर्व कार्य किए हैं। इन दावों को लेकर सरकार पूरी ताकत के साथ सदन में अपनी बात रखने जा रही है।
साथ ही, विधानसभा सत्र के इस माहौल में सभी की निगाहें कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष के चयन पर टिकी हैं। क्या कांग्रेस नेतृत्व इस महत्वपूर्ण फैसले को जल्द ही ले पाएगा, या इस मुद्दे पर और देर हो जाएगी? यह सत्र इस सवाल का जवाब देने के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है।
इस प्रकार, हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र न केवल राजनीतिक मुद्दों पर बहस का केंद्र होगा, बल्कि यह अगले चुनावों के समीकरण भी तय करने में एक अहम भूमिका निभा सकता है।
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