चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को हुई मतगणना के बाद किंगमेकर के रूप में उभरी जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने अपने पत्ते खोलने से इनकार कर दिया। वहीं कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनाने के लिए अन्य दलों का समर्थन मांगा है। राज्य में त्रिशंकु विधानसभा के आसार नजर आ रहे हैं। जजपा नेता दुष्यंत सिंह चौटाला ने कहा है कि उन्होंने पार्टी की रणनीति पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में शुक्रवार सुबह 11 बजे पार्टी कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। उनकी टिप्पणियों के बीच यह खबर आई है कि वह चुनाव के बाद होने वाले किसी भी समझौते के लिए वह शर्त के तौर पर मुख्यमंत्री पद के लिए जोर दे रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
नवीनतम रुझानों से पता चला कि 90-सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में कोई भी पार्टी बहुमत के जादुई आंकड़े को पार करने की स्थिति में नहीं है।
नवगठित जजपा नौ निर्वाचन क्षेत्रों में आगे है और संभवत: निर्दलीय के साथ वह किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है। निर्दलीय छह विधानसभा क्षेत्रों में आगे हैं।
जब रुझानों से पता चला कि कांग्रेस काफी सीटों पर बढ़त बना रही है और भाजपा भी बहुमत का आंकड़ा छूती नहीं दिख रही है तो दुष्यंत चौटाला ने कहा, "मेरा मानना है कि नई सरकार की चाबी जजपा के हाथों में है।"
दुष्यंत चौटाला पूर्व उप-प्रधानमंत्री देवी लाल के पड़पोते और जेल में बंद इनेलो नेता व पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के पोते हैं।
2014 में सांसद रहे दुष्यंत ने इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से अलग होकर अपने भाई दिग्विजय चौटाला के साथ नई पार्टी बनाई है।
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