चंडीगढ़। क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) में हरियाणा पुलिस को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की मार्च-2023 की मासिक रैंकिंग में प्रथम स्थान मिला है। हरियाणा ने फरवरी की रैंकिंग में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया था।
वर्तमान में सीसीटीएनएस के माध्यम से प्रदेश पुलिस द्वारा प्राथमिकी पंजीकरण, गैर संज्ञेय रिपोर्ट, मेडिको लीगल केस, गुमशुदा व्यक्ति, खोई हुई संपत्ति, लापता मवेशी, विदेशी पंजीकरण, सी-फार्म, लावारिस/परित्यक्त संपत्ति, अज्ञात/पाया व्यक्ति, निवारक कार्यवाही, पर्यवेक्षण रिपोर्ट/प्रगति का पंजीकरण, अज्ञात मृत शरीर/अस्वाभाविक मृत्यु पंजीकरण, अनुसंधान संबंधी कार्य, शिकायतों के पंजीकरण, डेटाबैंक सेवाएं आदि कार्य किये जाते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हरियाणा स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो निदेशक और एडीजीपी ओ पी सिंह ने बताया कि सीसीटीएनएस को विकसित करने का उद्देश्य अपराध की जांच और अपराधियों पर नजर रखने की सुविधा के लिए एक व्यापक और एकीकृत प्रणाली विकसित करना है। वर्तमान में जारी रैंकिंग में हरियाणा 99.98 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान पर रहा। वहीं उत्तर प्रदेश 99.43 प्रतिशत अंक प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहा। दिल्ली 97.87, पंजाब 95.03 और महाराष्ट्र 94.48 प्रतिशत अंक प्राप्त कर क्रमशः तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर रहे।
इस प्रोजेक्ट में मंत्रालय हर महीने परफॉर्मेंस चैक करता है। सीसीटीएनएस का प्रयोग पुलिस की तरफ से अपराध और अपराधियों के डाटाबेस तैयार करने के लिए किया जाता है। आमजन को भी कई तरह की सुविधा उपलब्ध करवाता है। जैसे कि सीसीटीएनएस पर एफआईआर दर्ज होते ही उसकी प्रति घर बैठे डाउनलोड करने की सुविधा मिल जाती है। हर प्रकार के एनओसी इसी के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। करैक्टर सर्टिफिकेट या मकान किराए पर देने हेतु किरायेदार की पुलिस वेरिफिकेशन की सुविधा भी इसी डेटा से आसान हो जाती है। इस परियोजना का उद्देश्य विशेष रूप से पुलिस थाने स्तर पर पुलिसिंग की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए एक व्यापक और एकीकृत ई-सिस्टम बनाना है।
सीसीटीएनएस पर दर्ज हुई 13602 एफआईआरः
प्रदेश पुलिस ने हर प्रकार के डेटा का डिजिटाइजेशन का कार्य 100 प्रतिशत पूर्ण कर लिया है। मार्च में 13602 एफआईआर सभी थानों में दर्ज की गई। जो कि हरसमय पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त 14000 से अधिक क्राइम डिटेल फॉर्म भरे गए जो की ऑनलाइन उपलब्ध हैं।
ऑनलाइन डेटा अपलोड होने का फायदा यह है कि एफआईआर दर्ज करते ही शिकायतकर्ता के पास तुरंत एक मैसेज आ जाता है। इसमें अनुसंधान अधिकारी का नाम औऱ उसका फोन नंबर की सूचना भी उपलब्ध होती है। जैसे ही कोई अपराधी गिरफ्तार होता है तो उसकी सूचना भी तुरंत इस पोर्टल पर अपडेट कर दी जाती है। ताकि पूरे देश में यदि वह अपराधी किसी केस में वांछित है तो सूचना का मिलान हो सके।
सीसीटीएनएस पर चोरी हुए वाहन, रिकवर हुए वाहन, गुमशुदा/अज्ञात व्यक्ति की सूचना भी तुरंत ऑनलाइन अपडेट कर दी जाती है। इस डेटाबेस की सहायता से आईसीजेएस पोर्टल पर अपराधियों और उसकी जानकारी के बारे में सूचना का आदान प्रदान की जा रही है।
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