चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में पानी की कमी और उपलब्ध पानी के उचित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सरकार सूक्ष्म सिंचाई अपनाने वाले किसानों को टयूबवैल कनेक्शन प्राथमिकता आधार पर देगी। लेकिन, सभी को ओपन टयूबवेल कनेक्शन देना संभव नहीं है। क्योंकि अधिकांश क्षेत्रों में पानी ज्यादा नीचे चला गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री बुधवार को विधानसभा में बजट सत्र में प्रश्न काल के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में आवेदन किए हुए टयूबवैल कनेक्शनों में से 4412 कनेक्शन बकाया हैं। इन कनेक्शनों को तुरंत दिया जाएगा। वर्ष 2023-24 में इन कनेक्शनों से अगले कनेक्शनों को देने के लिए डिमांड नोट जारी किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ट्यूबवैल कनेक्शन देने की प्रक्रिया को सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत लाना संभव नहीं है। क्योंकि ट्यूबवेल कनेक्शन में तीन घटक होते हैं, पहला प्राकृतिक, दूसरा पानी की उपलब्धता और तीसरा बजट।
उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पानी ज्यादा नीचे चला गया है, वहां ट्यूबवैल कनेक्शन देना संभव नहीं है। केवल सूक्ष्म सिंचाई अपनाने वाले किसानों को कनेक्शन दिए जाएंगे। 50 एचपी से अधिक के कनेक्शन नहीं दिए जाएंगे। 10 एचपी तक के लिए सोलर कनेक्शन दिए जाएंगे। उन्होंने कहाकि 1 टयूबवैल कनेक्शन पर सरकार की ओर से 1 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाती है। प्रदेश में 6 लाख टयूबवैल विधिवत चल रहे हैं। सरकार किसानों को लगभग 6 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी सरकार दे रही है।
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