चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने अवैध तरीकों से युवाओं को विदेश भेजने वाले ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में बताया कि अब तक 127 मामले दर्ज किए गए हैं और 102 एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। आठ एजेंटों को गिरफ्तार भी किया गया है।
विधानसभा में "हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक 2025" सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस विधेयक का उद्देश्य ट्रैवल एजेंटों की गतिविधियों को विनियमित करना, उनकी पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना और युवाओं को उनके शोषण से बचाना है। इसमें ट्रैवल एजेंटों का अनिवार्य पंजीकरण, मानव तस्करी में शामिल एजेंटों के लिए 7 से 10 साल तक की जेल की सजा और विदेशी सहयोग विभाग का गठन, जो युवाओं को सुरक्षित रूप से विदेश भेजने में मदद करने जैसे प्रावधान किए गए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयक युवाओं को अवैध एजेंटों के जाल में फंसने से बचाएगा और उन्हें सुरक्षित भविष्य प्रदान करेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की भी सराहना की, जिसने यूक्रेन में फंसे 23,000 युवाओं को सुरक्षित भारत वापस लाया।
हालांकि, विपक्षी दलों ने विधेयक के कुछ प्रावधानों पर सवाल उठाए हैं।
उनका तर्क है कि विधेयक में एजेंटों की जवाबदेही तय करने के लिए पर्याप्त प्रावधान नहीं हैं और यह युवाओं को शोषण से बचाने में पूरी तरह से सक्षम नहीं है।
युवाओं का एक बड़ा वर्ग विदेश में बेहतर अवसरों की तलाश में है। हालांकि, अवैध एजेंट उन्हें गुमराह करते हैं और उन्हें असुरक्षित परिस्थितियों में भेजते हैं। सरकार का यह कदम युवाओं को इन एजेंटों के चंगुल में फंसने से बचाने में कितना कारगर होगा, यह देखना बाकी है। - खासखबर नेटवर्क
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