चण्डीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार
राज्य की गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की ओर कदम उठा रही है। गौवंश के
चारे के लिए हर वर्ष 30 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री पानीपत जिले के कुराना गांव में स्थित श्री जगत गुरु
ब्रह्मनन्द गौशाला के वार्षिकोत्सव के अवसर पर उपस्थित गौभक्तों को संबोधित
कर रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने
गाय को चारा व गुड़ भी खिलाया।
महाग्राम योजना के तहत होगा कुराना गांव का विकास
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुराना गांव के लिए कई मांगों को मंजूर
किया। मुख्यमंत्री ने गांव की चार सड़कों को साढ़े पांच मीटर चौड़ा करने की
मांग को मौके पर ही मंजूर किया। इसके साथ ही गांव की तरफ से मांग न होने
के बावजूद भी गांव की आबादी दस हजार से अधिक होने के चलते गांव कुराना को
महाग्राम योजना का लाभ देने की घोषणा की।
श्री जगत गुरु ब्रह्मानंद
गौशाला कुराना के लिए मुख्यमंत्री ने 21 लाख रुपए का सहयोग देने की भी
घोषणा की। इसके अलावा, सांसद श्री संजय भाटिया व राज्य सभा सांसद श्री
कृष्ण लाल पंवार ने 11-11 लाख रुपये तथा सांसद अरविन्द शर्मा ने 2.50 लाख
रुपये देने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि गाय को भारतीय सभ्यता एवं
संस्कृति तथा परम्पराओं का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों में गाय
को माता का दर्जा दिया गया है और उसकी पूजा की जाती है।
मुख्यमंत्री
ने कहा कि हमें गाय को किसान की आजीविका का साधन बनाना होगा। इसके लिए हमें
देशी नस्ल की गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए कारगर कदम उठाए जा रहे
हैं। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत राजकीय पशुधन फार्म, हिसार में गोकुल
ग्राम की स्थापना की जा रही है। हरियाणा गौ-सेवा आयोग द्वारा पंचकूला में
हरियाणा गोवंश अनुसंधान केन्द्र खोला गया है। इसमें अधिक फास्फेट युक्त
आर्गेनिक खाद और वर्मीकम्पोस्ट पर अनुसंधान कार्य चल रहा है।
प्रदेश में 638 गौशाला की जा रही देखरेख
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 638 गौशालाओं में गौवंश की
देखरेख में सरकारी प्रयासों के साथ-साथ सामाजिक संस्थाएं भी सहयोग कर रही
हैं।
उन्होंने कहा कि जिस भी रजिस्टर्ड गौशाला को अनुदान की जरूरत है
वह अपनी मांग सरल पोर्टल पर डाल सकती है। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री
गौशाला जगमग योजना के अंतर्गत प्रदेश में 330 गौशालाओं में सोलर पावर
प्लांट स्थापित किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर, गौमूत्र
आदि से बनने वाले पंचगव्य उत्पादों के विपणन के लिए गौशालाओं के पास स्थित
ग्रामीण औद्योगिक पार्कों में विपणन प्लेटफार्म उपलब्ध करवाए जाएंगे।
प्रदेश में गौ-पालन को प्रोत्साहित करने के लिए देशी नस्ल की गाय, जैसे कि
हरयाणा, साहीवाल, बेलाही, थारपारकर, गिर आदि की 20 पशुओं की डेरी स्थापित
करने पर लाभार्थियों को गाय की खरीद हेतु लिये गये बैंक ऋण पर ब्याज अनुदान
उपलब्ध करवाया जा रहा है। देशी नस्ल की 3 व 5 गायों की डेरी खोलने वाले
पशुपालकों को 50 प्रतिशत अनुदान भी दिया जाता है। उन्होंने कहा कि देशी
गायों की नस्ल सुधार हेतु राज्य में 37 करोड़ रुपये की लागत से कैथल के
क्योडक़, झज्जर के लकड़िया, करनाल के उचानी, और महेन्द्रगढ़ में चार गोवंश
संवर्धन एवं अनुसंधान केन्द्रों की स्थापना की गई है।
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