चंडीगढ़। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत कार्यरत कर्मचारियों की सभी मांगों को सरकार पहले ही पूरा कर चुकी है। इसलिए अनुचित तौर पर हड़ताल पर गए कर्मचारियों के खिलाफ सरकार सख्ती से पेश आएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने गत 4 वर्षों के दौरान एनएचएम युनियन की मांगों पर 11272 अनुबंधित कर्मचारियों को औसतन 15 हजार मासिक वेतन देने का काम किया है। इसके तहत इन कर्मचारियों के सेवा नियम बनाए गए है, जोकि एक जनवरी 2018 से लागू हो चुके हैं। इससे राज्य सरकार के बजट पर लगभग दोगुणा अतिरिक्त बोझ पड़ा है।
विज ने बताया कि पहले जो खर्च 60 करोड़ होता था वह 2018-19 में बढक़र 110 करोड़ तथा 2019-20 में 120 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। वर्ष 2018-19 में एनएचएम कर्मचारियों के वेतन एवं भत्तों पर करीब 283 करोड़ रुपए खर्च हुए है। इतना ही नही इन कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों की भांति मंहगाई भत्ता तथा हाऊस रैंट भी दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इसके बावजूद भी जो कर्मचारी हड़ताल करने की जिद्द पर अड़े है, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत अभी तक प्रदेश में 2500 कर्मचारियों को हटा दिया है और भविष्य में यदि आवश्यक होगा तो और भी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई सम्भव है। उन्होंने कहा एनएचएम केन्द्र सरकार का प्रौजैक्ट है, जिसके तहत कार्यरत कर्मचारियों को नियमित नही किया जा सकता है।
विज ने कहा कि हालांकि ये कर्मचारी भी इस बात को जानते है फिर भी वे अनावश्यक मांग पर अड़े हुए है। उन्होंने कहा कि ऐसे कर्मचारियों को किसी के बहकावे में नही आना चाहिए और शीघ्र ड्यूटी ज्वाईन करनी चाहिए।
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