चंडीगढ़। हरियाणा में राज्य दत्तक संसाधन एजेंसी द्वारा समेकित बाल संरक्षण
योजना के तहत फोस्टर केयर की सुविधा प्रदान की जा रही है। महिला
एवं बाल विकास विभाग के एक प्रवक्त्ता ने बताया कि
फोस्टर केयर एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें एक बच्चा अस्थायी रूप से किसी
परिवार जो उसके माता पिता या परिवार से सम्बंधित नहीं है, उसके साथ रहता
है। इच्छुक परिवार बाल कल्याण समिति द्वारा निर्धारित समय के लिए बच्चे की
देख भाल और उचित पालन पोषण करता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
फोस्टर माता पिता बनने वाले दम्पति
की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि फोस्टर पैरेंट बनने के लिए दम्पति
भारतीय हो, दम्पति बच्चे को फोस्टर केयर में लेना चाहते हो और दोनो की आयु
35 वर्ष से अधिक हो और वे मानसिक,भावनात्मक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होने
चाहिए इसके अतिरिक्त वे बच्चे की मूल भूत आवश्यकताओं को पुरा करने में
सक्षम हो व उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड न हो।
फोस्टर केयर की सुविधा
के अंतर्गत आने वाले बच्चों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस सुविधा
के अंतर्गत जिस बच्चे के माता पिता उसका पालन पोषण करने में बाल कल्याण
समिति द्वारा सक्षम नहीं पाए जाते हैं तथा जो बच्चे बाल देख बाल संस्थाओं
में रह रहे हैं वे गोद प्रक्रिया के लिए मुक्त हैं। गोद प्रक्रिया में
नहीं गए हैं, आते हैं। इसके अतिरिक्त ऐसे बच्चे जिसके माता पिता मानसिक और
शारीरिक रूप से किसी बीमारी से ग्रस्त है या फिर कारागार में हैं, फोस्टर
केयर की सुविधा के तहत आते हैं।
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