चंडीगढ़। बहुचर्चित मानेसर जमीन घोटाले के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा
समेत 34 अन्य आरोपी गुरूवार को पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत में पेश
हुए। पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान हुए इस घोटाले पर मौजूदा बीजेपी सरकार
के दौर में सीबीआई ने जांच करने के बाद चालान पेश किया था। सभी आरोपी
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश कपिल राठी की अदालत में पेश हुए। सुनवाई दौरान
सीबीआई द्वारा पेश किए गए चालान की स्क्रूटनी की प्रक्रिया चली।
बचाव पक्ष के वकील ने स्क्रूटनी में कई दस्तावेजों की कमी का हवाला दिया और
कहा कि इन दस्तावेजों का पूरा किया जाना जरूरी है। इस पर कोर्ट ने मामले
की अगली सुनवाई 10 अगस्त तय की है। अगली सुनवाई में भी चालान की स्क्रूटनी
होगी। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी आरोपियों को चालान की कॉपी सौंपी
जाएगी।
आरोपियों को चालान की कॉपी मिलने के बाद ही यह साफ होगा कि सीबीआई ने अपनी
जांच के दौरान किन-किन व्यक्तियों को किस-किस आधार पर आरोपी बनाया है। वहीं
कोर्ट में पेशी के दौरान हुड्डा के साथ उनके समर्थक और पूर्व वित्त मंत्री
हरमोहिंदर सिंह चट्ठा सहित कई पूर्व विधायक भी अदालत परिसर में दिखाई दिए।
इस मामले में हुड्डा के अलावा पूर्व आईएएस एमएल तायल, छतर सिंह, एसएस
ढिल्लों, पूर्व डीटीपी जसवंत सहित कई बिल्डरों को आरोपी बनाया गया हे।
बता दें कि पिछली हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान अगस्त 2014 में निजी
बिल्डरों द्वारा हरियाणा सरकार के अज्ञात जनसेवकों के साथ मिलीभगत कर गुरुग्राम
जिले में मानसेर, नौरंगपुर और लखनौला गांवों के किसानों और भूस्वामियों को
अधिग्रहण का डर दिखाकर उनकी करीब 400 एकड़ जमीन औने-पौने दाम पर खरीदने की
बात सामने आई थी। हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान करीब 900 एकड़ जमीन
का अधिग्रहण कर उसे बिल्डर्स को औने-पौने दाम पर बेचने का आरोप है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कोर्ट को आप ने राजनीतिक अखाड़ा बना दिया है, भारतीय न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिश : शहजाद पूनावाला
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope