चंडीगढ़।
अकाली दल सरकार के दौरान सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर अधिकारी अपने
पसंदीदा ठेकेदारों को ही ठेका देते थे। अब इनकी विजिलेंस जांच की जा रही
है। पंजाब इरीगेशन कांट्रेक्टर एसोसिएशन ने प्रेस क्लब चंडीगढ़ में पिछली
सरकार दौरान पैदा हुए कॉन्ट्रैक्टर माफिया का पर्दाफाश किया । ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पंजाब
इरीगेशन कांट्रेक्टर एसोसिएशन पंजाब सरकार से अब मांग कर रही है कि इसकी
निष्पक्ष जांच हो और दोषियो को सख्त सजा मिले। नरेश दुग्गल ने बताया कि
पंजाब इरिगेशन डिपार्टमेंट द्वारा नहर , ड्रेन , नदी के विकास के लिए
कार्यों को ऑनलाइन टैंडर मांगे जाते है। इन टैंडरों के समय सम्बंदित गैर
जरूरी शर्त लगा दी जाती है , ताकि लंबे समय से काम कर रहे ठेकेदारों को उप
सोसायटियों को टैंडर भरने के मुकाबले में रेट से वंचित करके कुछ चुनिंदा
लोगों को टैंडर दिया जाए
दुग्गल ने बताया कि हम सालों से
कांट्रैक्टर माफिया जिसमें पंजाब के पांच बड़े ठेकेदार शामिल हैं और जिनमें
से सिर्फ एक की टर्नोवर जो की 2007 में 4.7 करोड़ थी 2017 में साठ गुना
बढ़ के 300 करोड़ हो गई है। पंजाब विजिलैंस ब्युरो की जांच पड़ताल इस मल्टी
करोड़ इरिगेशन स्कैम को बेनकाब करने में जुटी हुई है।
गौरतलब है
कि सिर्फ हरीके हेड वर्क्स के 12.04 करोड़ के टैंडर में इरिगेशन
डिपार्टमैंट के पांच अधिकारियों ने ठेकेदारों से मिलकर पंजाब सरकार को 5.47
करोड़ का चूना लगाया है जिसकी विजिलेंस ब्युरो जांच कर रहा है
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