चंडीगढ़। हरियाणा के सिंचाई विभाग द्वारा करनाल जिला के निसिंग क्षेत्र
के लिए 4.58 करोड़ रुपए की पांच परियोजनाएं बनाई गई हैं। इन पर काम शुरू
करने से पहले विभाग सरकार से स्वीकृति लेने के प्रक्रिया में लगा है, जो
चालू मास में ही मिल जाने की उम्मीद है। अगले कुछ महीने यानि मानसून से
पहले-पहले सभी परियोजनाएं मुकम्मल कर ली जाएंगी।
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एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इन
परियोजनाओं के तहत निसिंग ड्रेन से बालू-बहलोलपुर लिंक ड्रेन पर
उत्तर-पश्चिम में गेटिड इन्लेट बनाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बारिश के
दिनों में निसिंग ड्रेन में अत्याधिक पानी आ जाने से लिंक ड्रेन ओवरफ्लो
होकर इसके साथ लगते गांव सिंगड़ा, बालू और बहलोलपुर के किसानों की हजारों
एकड़ लो-लाईन जमीन में खड़ी फसल को जलमग्न कर देती है। फसलों को बाढ़ से
बचाने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा गेटिड इन्लेट बनाने का प्रोजेक्ट तैयार
किया गया है। इसके तहत करीब 18 किलोमीटर लम्बी लिंक ड्रेन की डिसिल्टिंग
किए जाने के साथ-साथ दो कल्वर्ट या पुलिया भी बनाई जाएंगी। इन कार्यों पर
विभाग की ओर से अनुमानित 1 करोड़ 15 लाख रुपये की राशि खर्च होगी।
इसके अतिरिक्त दूसरी परियोजना बांसा गांव से होकर गुजरतीे
इन्द्री ड्रेन के आर.डी. 39600 पर नया पुल बनाया जाएगा। वर्तमान पुल काफी
पुरान व कंडम हो चुका है। यह इस क्षेत्र के लोगों की पुरानी मांग है। इस पर
1 करोड़ 85 लाख रूपये की राशि खर्च होने का अनुमान है तथा इसके बनने से
क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
इसी प्रकार पाढ़ा गांव से गुजरती ड्रेन का पानी गांव में स्थित
पंच देव तीर्थ को दूषित होने से बचाने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा बनाई गई
इस परियोजना में तलाब और ड्रेन के बीच करीब 1300 फुट लम्बे एरिया को पक्का
बनाया जाएगा। इस पर करीब 37 लाख रूपये खर्च होने का अनुमान है। कई वर्षों
से चली आ रही इस समस्या का समाधान होने से तीर्थ की पवित्रता बनी रहेगी और
इसमें गंदा पानी नहीं जाएगा।
उन्होंने बताया कि जभाला गांव के पास पम्प हाऊस लगाया जाएगा -
बीती 27 नवंबर को करनाल में आयोजित मुख्यमंत्री के खुले दरबार में जभाला
गांव के लोगों ने मुख्यमंत्री के समक्ष गुहार लगाई थी कि बारिश के दिनों
में उनके खेतों में पानी एकत्र हो जाता है, जिससे फसले खराब हो जाती हैं।
इसका मुख्य कारण यहां से गुजरती भाखड़ा मेन लाईन नहर है। परिणाामस्वरूप
पानी आगे पास नहीं होता और बैक होकर लो-लाईन में स्थित खेतों को ज्यादा
नुकसान पहुंचाता है। सिंचाई विभाग द्वारा इसकी परियोजना बना ली गई है। अब
यहां पम्प हाऊस लगेगा और फालतू पानी पम्पआऊट करके बी.एम. लाईन में डाला
जाएगा। इस परियोजना से इस क्षेत्र के गांव जभाला, थली व उपलाना के किसानों
को बाढ़ के पानी से निजात मिलेगी। इस पर 31 लाख रूपये की राशि खर्च होने का
अनुमान है।
उन्होंने बताया कि तरावड़ी की ओर से आने वाली हथलाना गांव से
गुजरती ड्रेन पर गांव के पास नया पुल बनाया जाएगा। पुराने पुल का डिजाईन
ठीक से ना होने पर यहां दुर्घटनाएं होती रहती हैं। अब ऐसा नहीं होगा।
आर.डी. 78600 पर नया पुल साढे 7 मीटर चौड़ा होगा और आने-जाने की पर्याप्त
सुविधा के दृष्टिगत इसका डिजाईन तैयार किया गया है। इस पर 90 लाख रूपये के
खर्च का अनुमान है।
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