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चंडीगढ़। पटाखे अब धुआं नहीं, खुशबू बिखेरेंगे। इन पटाखों को मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों से बनाया जाएगा। इससे पर्यावरण भी साफ-सुथरा रहेगा और ध्वनि प्रदूषण भी नहीं होगा। ईको फ्रेंडली पटाखे बनाने की पहल हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से हो रही है। इसके लिए पालमपुर स्थित हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएसआईआर) का नाहन के एक पटाखा निर्माता से करार होने जा रहा है।
सिरमौर के डिप्टी कमिश्नर डॉ. आर.के. परुथी के मुताबिक इन पटाखों में केमिकल नाममात्र होगा। इसके लिए उन्होंने पटाखा निर्माता शकील शेख को तैयार किया है। सीएसआईआर से अनुबंध होते ही पटाखे बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों से अगरबत्ती और धूप भी तैयार की जाएगी।
यहां यह उल्लेखनीय है कि हर दिवाली पर आतिशबाजी से प्रदूषण खतरे के निशान से ऊपर चला जाता है, लेकिन यह पटाखे हानिकारक धुआं छोड़ने के बजाए चारों तरफ खुशबू फैलाएंगे। दूसरे पटाखों की तुलना में इनसे प्रदूषण भी 40 फीसदी कम होगा।
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