चंडीगढ़। हरियाणा के जेसी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने शिक्षण प्रक्रिया को और अधिक संवादात्मक बनाने के लिए डिजिटल इंटरएक्टिव बोर्ड के माध्यम से डिजिटल क्लासरूम विकसित करने की पहल की है। इस प्रकार डिजिटल इंटरेक्टिव बोर्ड की पहल करने वाले राज्य में पहला विश्वविद्यालय बन गया है। विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न विभागों में डिजिटल इंटरएक्टिव बोर्ड युक्त 13 डिजिटल क्लासरूम स्थापित किए हैं जो शिक्षण के लिए इस्तेमाल किए जा रहे पारंपरिक व्हाइटबोर्ड की जगह लेंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विश्वविद्यालय के एक प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आज जेसी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने डिजिटल इंटरएक्टिव बोर्ड युक्त डिजिटल कक्षाओं का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग के अलावा सभी डीन, विभागाध्यक्ष और विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। डिजिटल इंटरैक्टिव बोर्ड के सही उपयोग को लेकर एक प्रशिक्षण सत्र का आयोजन भी किया गया।
ये डिजिटल इंटरएक्टिव बोर्ड मानव संसाधन विकास मंत्रालय की राष्ट्रीय परियोजना कार्यान्वयन इकाई (एनपीआईयू) द्वारा टीईक्यूआईपी प्रतिभागी संस्थानों को प्रदान किये गये है। तकनीकी शिक्षा में डिजिटलीकरण के माध्यम से मिश्रित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एनपीआईयू देश के टीईक्यूआईपी के दूसरे व तीसरे चरण के प्रतिभागी संस्थानों को सुविधाएं प्रदान कर रहा है। विश्वविद्यालय के डिजिटल इंडिया प्रकोष्ठ द्वारा एनपीआईयू के माध्यम से डिजिटल क्लासरूम विकसित करने की पहल की गई है। जेसी बोस विश्वविद्यालय एकमात्र राज्य विश्वविद्यालय है जिसने एनबीए मान्यता तथा डिजिटल पहल के आधार पर एनपीआईयू के पूर्वनिर्धारित मानदंडों को पूरा करते हुए सुविधा का लाभ उठाया।
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