चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा संप्रदाय के अनुयायियों ने रविवार को मोहिंदर पाल बिट्टू के खिलाफ धर्मग्रंथों की बेअदबी के मामले को वापस लिए जाने तक उसका दाह संस्कार करने से इनकार कर दिया। बिट्टू, पंजाब के बरगाड़ी में 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब को अपवित्र करने के मामले में मुख्य संदिग्ध था। उसकी जेल में दो कैदियों ने हत्या कर दी। पुलिस ने कहा कि बिट्टू की शनिवार की शाम पटियाला के निकट नाभा जेल में हत्या के एक दोषी व हत्या के एक आरोपी ने पीट पीटकर मार डाला।
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बिट्टू कोटकपुरा कस्बे का रहने वाला था। वह हरियाणा के पंचकूला शहर में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को 2017 में दोषी करार दिए जाने के बाद हुई हिंसा सहित कई मामलों में वांछित था। बिट्टू को विशेष जांच दल ने हिमाचल प्रदेश के पालमपुर कस्बे से बीते साल गिरफ्तार किया था।
वह गुरमीत राम रहीम सिंह का करीबी माना जाता था। गुरमीत राम रहीम एक पत्रकार की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। इसके साथ ही दो महिला शिष्याओं के साथ दुष्कर्म के लिए 20 साल की सजा काट रहा है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "पोस्टमार्टम करने के बाद, बिट्टू का शव उसके गृहनगर कोटकपुरा ले जाया गया। परिजनों की इच्छा के अनुसार, शव को डेरा सच्चा सौदा संप्रदाय के नाम चरचा घर में रखा गया था, जहां सुबह से ही बड़ी संख्या में संप्रदाय के अनुयायी एकत्र हुए थे।"
कोटकपुरा, फरीदकोट जिले में है। यहां बड़ी संख्या में संप्रदाय के अनुयायी है, जो नाराज लग रहे थे।
बिट्टू के बेटे अरमिंदर कुमार ने कहा कि उसके पिता निर्दोष थे और उन्हें झूठे तौर पर धर्म ग्रंथ का अनादर करने के मामले में फंसाया गया। कुमार ने हत्या से कुछ घंटे पहले अपने पिता से मुलाकात की थी।
उन्होंने कोटकपुरा में संवाददाताओं से कहा, "पहले उनको फंसाया गया और अब साजिश रचकर हत्या कर दी गई। ऐसा कोई नहीं जो हमें न्याय दे सके।"
उन्होंने इस मामले में जांच की मांग की।
प्राथमिक जांच में कहा गया है कि बिट्टू की कथित तौर पर हत्या के दोषी गुरुसेवक सिंह व हत्या के मामले में मुकदमे का सामना कर रहे मनिंदर सिंह ने लोहे की रॉड से मारकर हत्या कर दी।
अकाली दल नेता व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने अमृतसर में संवाददाताओं से कहा कि बिट्टू की हत्या धर्मग्रंथ की बेअदबी के मामले को लेकर लोगों की भावनाओं, खासकर सिखों की भावनाओं की वजह से हुई। उन्होंने जेल में हत्या को बड़ा मामला बताया और इसकी जांच की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार धर्मग्रंथ की बेअदबी के गलत मामले दर्ज कर रही है।
जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि जेल के सहायक अधीक्षक अजमेर सिंह और वार्डर मेजर सिंह और अमन गिरि को 'सुरक्षा में चूक' के लिए निलंबित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि धर्मग्रंथ के अनादर के मामले में सभी आरोपियों को एहतियात के तौर पर अलग बैरक में रखा गया है।
उन्होंने कहा, "बिट्टू भी अलग बैरक में था। वह कॉमन एरिया में कैसे आया, इसकी जांच की जा रही है।"
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बिट्टू पर हुए प्राणधातक हमले की जांच का आदेश दिया है।
जेल के अतिरिक्त महानिदेशक रोहित चौधरी जांच समिति के प्रमुख होंगे। समिति को तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है।
सरकार के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस से कहा कि जांच अभियुक्त की हत्या में अनिवार्य न्यायिक जांच-पड़ताल से अलग होगी।
धार्मिक ग्रंथ के अनादर का मामला कथित तौर पर फरीदकोट के बरगाड़ी गांव में अक्टूबर 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब को अपवित्र करने से जुड़ा है।
--आईएएनएस
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