चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने एक स्वस्थ
स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के लिए उपयुक्त मध्यवर्तन(इंटरवेंशन) के
प्रमुख क्षेत्रों पर प्रदेश का आकलन करने के लिए केन्द्र सरकार के औद्योगिक
नीति एवं प्रोत्साहन विभाग द्वारा जारी स्टार्टअप रैंकिंग फ्रेमवर्क अपनाने का निर्णय लिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एक सरकारी
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर
लाल ने इस संबंध में एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस
फ्रेमवर्क के तहत परिभाषित सात मानकों के समक्ष विभागों द्वारा की गई किसी
भी पहल के संबंध में इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को
दस्तावेजी साक्ष्य उपलब्ध करवाने लिए, सभी विभागों को यह फ्रेमवर्क मुहैया
करवाने का भी निर्णय लिया गया है।
उन्होंने
बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेशभर में नई पीढ़ी के आविष्कारकों और
उद्यमशील प्रतिभाओं को सहायता देकर प्रदेश को एक संसाधन संपन्न और
आविष्कारशील स्टार्टअप हब में बदलने के उद्देश्य से डिजिटल हरियाणा सम्मिट,
2017 के दौरान इंटरप्रिन्योर एण्ड स्टार्टअप पॉलिसी शुरू की है।
उन्होंने
बताया कि यह फ्रेमवर्क 38 कार्य बिंदुओं और कुल 100 अंकों के स्कोर के साथ
मध्यवर्तन के सात क्षेत्रों में फैला हुआ है। यह फ्रेमवर्क प्रत्येक कार्य
बिंदु के समक्ष अच्छी कार्यपद्घतियों के साथ कार्य बिंदुओं के
क्रियान्वयन में सहायता हेतु दिशानिर्देश भी उपलब्ध करवाता है। उन्होंने
बताया कि इस फ्रेमवर्क के तहत, राज्य स्टार्ट पहलों के आकलन हेतु 38 कार्य
बिंदुओं में से 21 कार्य बिंदुओं में सहायक दस्तावेज जमा करवाने तथा एक
कार्य बिंदु में केवल हितधारक से फीडबैक की आवश्यकता है जबकि 16 कार्य
बिंदुओं में इन दोनों की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स और
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा इन मानकों पर कार्य किया गया है।
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