चंडीगढ़ । हरियाणा के महाअधिवक्ता बलदेव राज महाजन ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जस्टिस एस एन ढींगरा आयोग के गठन को कोर्ट में जो चुनौती दी थी कि मुख्यमंत्री इस आयोग का गठन नहीं कर सकता उस पर कोर्ट ने कहा है कि मुख्यमंत्री इस आयोग का गठन कर सकता है और ये गठन पूरी तरह से वैधानिक है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
महा अधिवक्ता बलदेव राज महाजन ने बुधवार को चण्डीगढ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि जस्टिस एस एन ढींगरा आयोग के गठन के सम्बन्ध में बाद में मंत्री परिषद् से स्वीकृति भी ले ली थी। कोर्ट का कहना है कि रूल ऑफ़ बिज़नेस के नाते मुख्यमंत्री आयोग का गठन कर सकते हैं और ये उनके अधिकार क्षेत्र में है अर्थात ये कानूनी रूप से ठीक है। कोर्ट का यह भी कहना है कि इस आयोग का गठन राजनीतिक द्वेष के चलते नहीं लिया गया है बल्कि इस आयोग का गठन जनहित में है।
कोर्ट का यह भी कहना है कि इस मामले की जांच होनी चाहिए और रिपोर्ट के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री को दोषी पाया जा रहा है लेकिन कमिशन ने उन्हें उचित नोटिस नहीं दिया है इस लिए दो जजों की राय अलग अलग होने की वजह से तीसरे जज को दिया गया है जिनका फैसला आना अभी बाकी है। कोर्ट द्वारा दिए गए निष्कर्ष और निर्णय से ये प्राप्त होता है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा दोषी पाए गए हैं। यदि आयोग की रिपोर्ट ओपन होती है तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की छवि प्रभावित होगी।
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