• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

परिवर्तन की डगर सदैव चुनौतीपूर्ण - मुख्यमंत्री मनोहर लाल

Dangar of change always challenging - Chief Minister Manohar Lal - Chandigarh News in Hindi

मनोहरलाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा
चंडीगढ़ ।
तीन वर्ष पूर्व अपने लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर हरियाणा की जनता ने प्रदेश में पहली बार पूर्ण बहुमत से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाई थी। इससे पूर्व भाजपा गठबंधन सरकारों में केवल कनिष्ठ भागीदार के रूप में थी। इस ऐतिहासिक जनादेश का अर्थ था : ‘‘कोई छोटा-मोटा बदलाव नहीं, हमें एक ऐसी नई व्यवस्था चाहिए, जिसमें योग्यता का सम्मान हो, जो पक्षपात एवं भाई-भतीजावाद रहित हो, जो पारदर्शी हो और जो गरीबों की सुने’’।
मैं अपने 20 वर्षों के राजनैतिक जीवन में पहली बार विधायक बना था। परंतु हरियाणा के विकास की एक नई एवं आधुनिक पहचान बनाने के लिए मुझे सरकार का नेतृत्व करने का दायित्व सौंपा गया। पूरे दिन कार्य की मेरी पुरानी आदत के बावजूद यह मेरे लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। लेकिन मेरे मित्र और सहयोगी नरेन्द्र मोदी जी का 13 वर्षों से भी अधिक समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री की सफलता का अनुभव मेरी हिम्मत बढ़ा रहा था। हम दोनों का मानना है कि भारत माता को फिर से महान बनाने के लिए केवल दो सबक सीखने की जरूरत है; राजनेताओं को अधिक बार ‘ना’ कहने और नौकरशाहों को ‘हां’ कहने की आदत डालनी होगी। अब मैं इन सबको अपने गृह राज्य में लागू करवाने की स्थिति में था।
हरियाणा में भ्रष्टाचार की गंगोत्री से सभी अवगत थे। वाणिज्यिक और आवासीय परियोजनाओं और कालोनियों के लिए लाइसेंस और सीएलयू देने की ताकत निदेशक नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग को लाइसेंस जारी करने की कानून द्वारा दी गई शक्तियां 7 अगस्त, 1991 को ‘निदेशक द्वारा लाइसेंस जारी करने से पूर्व ‘‘सरकार की आंतरिक सहमति’’ के नाम पर छीनकर मुख्यमंत्री ने ले ली थी। इस सहमति के बिना कोई भी बिल्डर निदेशक से लाइसेंस प्राप्त नहीं कर सकता था, चाहे उसका आवेदन कितना ही उचित हो। मुख्यमंत्री की बहुमूल्य ‘‘सहमति’’ केवल उनकी कृपा या फिर कीमत चुकाकर मिल सकती थी। बड़े दुख की बात है कि भ्रष्टाचार की इस अवैध व्यवस्था को मेरे से पूर्व किसी मुख्यमंत्री ने इसे बदलने का प्रयास नहीं किया। हैरानी तो यह है कि इस भ्रष्टाचार के विरुद्ध किसी ने भी उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल नहीं की।
मुझे इस बात की खुशी है कि गत वर्ष हरियाणा के गठन के स्वर्ण जयंती वर्ष के शुभारंभ समारोह के ऐतिहासिक दिन पर मैंने इस व्यवस्था को खत्म कर दिया और कानून के अनुसार जिसे यह शक्तियां मिलनी थी, उसे दे दी गई। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सभी सीएलयू 30 दिनों से भी कम समय में ऑनलाइन हो जाते हैं। मुख्यमंत्री की बात तो छोडि़ए, अब किसी भी आवेदक को किसी अधिकारी से भी नहीं मिलना पड़ता। लेकिन जब मैं इस सुधार पर विचार करता हूँ तो मैं अपने इस अधूरे ज्ञान पर मुस्कुराए बिना नहीं रह सकता। यह भ्रष्ट व्यवस्था उन राजनीतिज्ञों की देन थी, जिन्होंने भ्रष्ट तरीके से ‘‘न’’ कहने की शक्तियां हासिल कर ली थी, चाहे एक कर्तव्यनिष्ठ ईमानदार नौकरशाह ‘‘हां’’ कह भी रहा हो।
मैं अक्सर हैरान होता हूँ कि मेरे राजनैतिक विरोधी राज्य के एक उद्योग को बंद करने के लिए मेरा विरोध क्यों नहीं करते। जी हां, अध्यापक स्थानान्तरण उद्योग यह एक शर्मनाक धंधा था लेकिन कोई भी इससे शर्मिंदा नजर नहीं आता था। राजकीय विद्यालयों के शिक्षक मुख्यमंत्री कार्यालयों से स्थानांतरण नोट प्राप्त करने के लिए कोई जुगाड़, सिफारिश या दलाल तलाशने का हरसंभव प्रयास करते थे। इसके बाद वे विभागीय डीलिंग क्लर्क के पास जाते थे और स्थानांतरण आदेश जारी करवाते थे। इस प्रक्रिया में महीनों लगते थे, कई फोन करवाने पड़ते थे, चण्डीगढ़ आना पड़ता था और प्राय: मुठ्‌ठी भी गर्म करनी पड़ती थी। जब किसी अध्यापक को उसकी मन पसंद का विद्यालय मिल जाता था तो उसकी खुशी ज्यादा देर नहीं रहती। अब उसे इस बात का डर रहता था कि कोई उससे अधिक सिफारिशी उसका स्थानांतरण न करवा दे।
पिछले एक साल से भी अधिक समय से राजकीय अध्यापक बिना स्थानांतरण की चिंता के अपने विद्यार्थियों को मन लगाकर पढ़ा रहे हैं। अब उसे पता है कि प्रदेश में कोई भी मनमाने ढंग से उसका स्थानांतरण नहीं करवा सकता, मैं भी नहीं। उसे विभाग की वैबसाइट पर केवल अपनी पसंद के स्थान और सेवा रिकॉर्ड को अपलोड करना होता है। एक बटन दबाने से ही न केवल उसे पसंद का कोई स्थान मिल जाएगा। वरन उसे यह पता चलेगा कि बाकी स्थान दूसरे अध्यापक को क्यों मिले। असल में यह प्रक्रिया मेरे द्वारा ही लिखी गई है। अधिकारियों और राजनेताओं में किसी को भी रूचि न थी। अंत तक दोनों ही न कर रहे थे। लेकिन ऑनलाइन स्थानांतरण पद्धति के सफल प्रयोग से अब दोनों खुश हैं। अब वे अपने समय को बेहतर कामों में लगा सकते हैं।
दुर्भाग्य से हरियाणा में सरकारी नौकरियां हमेशा सत्ता में रहने वाले राजनेताओं के वफादारों को या इनके लिए सबसे अधिक रकम देने वालों को मिलती थी। बेरोजगार युवकों के अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को सरकारी नौकरी चाहे वह सिपाही की हो या लिपिक की हो या अधिकारी की हो, दिलवाने के लिए अपनी जमीन बेचने की चर्चा गांवों की चैपालों में सुनने को मिलती थी। सरकार में एक विधायक के प्रभाव और ताकत का यह पैमाना होता था कि वह अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से कितने प्रतिशत अभ्यार्थियों को नौकरी दिलवाता था।
हमने बिना किसी भेदभाव के योग्यता के आधार पर नौकरियां देने का फैसला किया। यह सुस्पष्ट संदेश था कि सरकारी नौकरी के लिए केवल और केवल योग्यता ही एक पैमाना है। इस व्यवस्था के चलते हरियाणा में एक कुल्फी बेचने वाले और एक पोस्टमैन के बेटे ने 2016 में हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की, जिसकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। हमने 25 हजार से भी अधिक व्यक्तियों को नियमित सरकारी नियुक्तियां दी हैं। इनमें पिछली सरकार द्वारा चयनित 10 हजार व्यक्ति भी शामिल हैं, जिनकी विभिन्न न्यायिक मामलों के कारण नियुक्तियों पर रोक लगी हुई थी। सभी नव चयनित 15 हजार व्यक्तियों को इस बात का विश्वास नहीं हो रहा है कि उन्हें किसी साक्षात्कार का सामना नहीं करना पड़ा या अंतिम साक्षात्कार के कुछ ही घण्टों के अंतराल पर उनका परिणाम घोषित कर दिया गया। हरियाणा में यह बातें पहले कभी नहीं हुई थी। अब ये सामान्य बातें हैं।
मुझे उन लोगों पर तरस आ रहा है, जो सरकार का विरोध कर रहे हैं। वे ऐसे लोग है, जो राज्य में ऐसी भ्रष्ट व्यवस्था के माध्यम से पैसा बनाने के अपने व्यवसाय से वंचित हैं। मुझे खुशी है कि बड़े पैमाने पर लोग हमारी नीतियों से लाभ उठा रहे हैं। हमारे लिए कोई भी व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं है। हमने हमेशा पार्टी के हित से राज्य हित को ऊपर रखा है।
बिजली के बिलों का भुगतान करना कई लोगों के लिए एक प्रतिष्ठा का प्रतीक था। जो अधिकतम बिजली की चोरी करता था, वह अपने आपको वीआईपी मानता था। हमने इस व्यवस्था को खत्म करने का निर्णय लिया। बिजली बिल का भुगतान करने वालों की संख्या 60 लाख है और बिजली चोरी करने वालों की संख्या 60 हजार के आसपास है। बकायादारों का बोझ उन लोगों पर आ रहा था जो ईमानदारी से और नियमित रूप से अपने बिजली के बिलों का भुगतान कर रहे थे। हरियाणा में बिजली की हानि 34 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। बिजली की चोरी करने वालों पर अंकुश लगाने से लाइन लोस कम होकर 24 प्रतिशत रह गये हैं। इसके फलस्वरूप हमने अपनी टेरिफ में कटौती की है और बिजली की दरों में और कमी लाने पर काम कर रहे हैं। आज हम बिजली बिलों का नियमित भुगतान करने वाले 1100 गांवों को प्रतिदिन 24 घंटे बिजली आपूर्ति कर रहे हैं। तीन जिलों नामत: पंचकूला, गुरुग्राम और अम्बाला में हम 24 घंटे बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं। फरीदाबाद जिले में भी यह सुविधा शीघ्र उपलब्ध करवा दी जाएगी।

जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा पर दुख

जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा से मैं बड़ा आहत हूँ। लेकिन इससे भी ज्यादा मुझे इसके पीछे की साजिश से चोट पहुंची है। जाट समुदाय के लिए आरक्षण की मांग हमें विरासत में मिली। कांग्रेस पार्टी ने 2014 के चुनाव वर्ष में एक कार्यकारी अधिसूचना के माध्यम से जाटों को आरक्षण का लालीपॉप दे दिया था। लेकिन इसे लागू करने में इच्छा शक्ति और हितों का अभाव था। शुरुआत से ही मैं जाट समाज और खाप के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करता रहा। अंत में, 17 फरवरी, 2017 को एक प्रतिनिधि मण्डल की सुनवाई के बाद, जिसमें जाट समुदाय के अनेक बुजुर्ग और प्रतिनिधि शामिल थे, मैंने आगामी विधानसभा के सत्र में बिल लाने की उनकी मांग मान ली थी। उन्होंने मेरा सार्वजनिक रूप से धन्यवाद किया और वे चण्डीगढ़ से यह आश्वासन देकर चले गये कि वे रोहतक के आंदोलनकारियों से सडक़ से अवरोधों को उठाने के लिए कहेंगे।
मुझे यह पता नहीं कि क्यों कुछ लोग भडक़ा रहे थे। विश्व के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि मांगे पूरी होने के बाद एक आंदोलन हिंसक हो गया। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित एक दो सदस्यीय जांच आयोग इस हिंसा के पीछे की साजिश की जांच कर रहा है। मुझे इस बात का संतोष है कि 48 घण्टे के कम समय में हम सभी आगजनी की घटनाओं पर नियंत्रण करने में सफल रहे और जीवन और सम्पत्ति की हानि कुछ जिलों तक सीमित रही। सुरक्षाकर्मियों की गोलियों से कुछ आंदोलनकारी मारे गये, जिसका मुझे खेद है। लेकिन एक मुख्यमंत्री के नाते मेरा यह दायित्व था कि पूरे हरियाणा को आग की भेंट चढ़ाने की साजिश रचने वालों को उचित जवाब दिया जाए।
हिंसा पर प्रकाश सिंह समिति की रिपोर्ट में पुलिस बल के राजनीतिकरण का जिक्र किया गया है। यह मुख्य रूप से भ्रष्ट भर्ती प्रणाली की वजह से हुआ। मुझे गर्व है कि हमने इस प्रणाली को खत्म कर दिया है।

सर्वांगीण विकास

पिछले तीन वर्षों में शुरू की गई कई स्कीमों और योजनाओं के वांछित परिणाम मिलने शुरू हो गये हैं। गंभीर रूप से विषम लिंगानुपात को सुधारने के लिए शुरू की गई बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ स्कीम इसका एक मुख्य उदाहरण है। जन्म के समय लिंगानुपात पिछले दो दशकों में निरन्तर गिर रहा था और जो वर्ष 2015 में न्यूनतम 876 की शर्मनाक स्थिति पर पहुंच गया था। यह हरियाणा के लिए एक कलंक था। हमने गिरते लिंगानुपात को सफलतापूर्वक सुधारा है। इस वर्ष अप्रैल में यह आंकड़ा लडक़ों के पीछे 950 लड़कियों का हो गया है, जोकि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर 1,000 लडक़ों के पीछे 940 लड़कियों के लिंगानुपात से बेहतर है।
लेकिन, प्रथम स्थान पर रहने की सूची दिन-प्रतिदिन लम्बी होती जा रही है। क्या आप जानते हैं कि हरियाणा में अप्रैल 2015 में जब मैंने हर जिले में एक-एक महिला पुलिस थाना स्थापित करने का निर्णय लिया, उस समय हरियाणा में केवल एक महिला पुलिस थाना था। हमने 8 अगस्त, 2015 को रक्षा बंधन के अवसर पर सभी जिलों में महिला पुलिस थाने सफलतापूर्वक हासिल किये। अप्रैल 2017 में हरियाणा देश का पहला कैरोसीन फ्री प्रदेश बना। महिलाओं को धुएं से मुक्ति दिलाने के लिए लाभपात्रों को तीन लाख से भी अधिक एलपीजी के कनैैक्शन दिये जा चुके हैं। हरियाणा खुले में शौच मुक्त प्रदेश बन गया है। हम सक्षम योजना के तहत बेरोजगारों को सहायता पहुंचा रहे हैं। शिक्षित बेरोजगार युवकों को हर महीने 100 दिन के वेतन सहित काम की गारण्टी देने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। कुल 21,933 शिक्षित बेरोजगार पंजीकृत युवाओं में से 17,267 को सरकार के विभिन्न विभागों और संगठनों में काम दिया गया है, उन्हें 34.78 करोड़ रुपये वितरित किये गये हैं, जिनमें बेरोजगारी भत्ता और दूसरे भत्ते शामिल हैं।
हरियाणा के नहरी तंत्र के 1100 से अधिक टेलों पर 39 वर्षों के बाद पानी पहुंचाया गया है। गन्ना उत्पादकों को देशभर में 330 रुपये प्रति क्विंटल का उच्चतम भाव दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य देखभाल राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सस्ती और पहुंच योग्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के निरंतर और सतत प्रयास किये जा रहे हैं। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जो ओपीडी मरीजों को आवश्यक दवाइयां नि:शुल्क उपलब्ध करवा रहा है, नि:शुल्क जांच सुविधा (मुख्य) उपलब्ध है और 253 प्रकार से अधिक सर्जरी नि:शुल्क की जाती है और गरीबों का स्वास्थ्य बीमा होता है।

प्रदेश में 505 किलोमीटर लम्बे 9 नये राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किये गये हैं। एक दशक से भी अधिक समय से लम्बित कुण्डली-मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे पर 2,320 करोड़ रुपये की लागत से काम शुरू किया गया है। इसमें से इस वर्ष अप्रैल में मानेसर-पलवल भाग को यातायात के लिए खोल दिया गया और कुण्डली-मानेसर भाग को आगामी अप्रैल में चालू कर दिया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इन तीन वर्षों में हरियाणा में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण और मरम्मत पर 3,563 करोड़ रुपये खर्च किये हैं।
हमने वर्षों के बाद भूमि की लागत में वृद्धि करने की प्रक्रिया को खत्म कर दिया है। यह निवशकों के लिए एक बहुत बड़ा जोखिम था।
लेकिन यदि एक सुधार को चुनने के लिए कहा जाए तो मुझे यह बताते हुए बड़ी खुशी हो रही कि वह सुधार है स्वच्छ, श्क्षिित और सामाजिक दृष्टिकोण रखने वाले राजनैतिक नेतृत्व के एक नये युग का सूत्रपात।
हम सब जानते हैं कि कानून की अनभिज्ञता कोई बहाना नहीं है। लेकिन मुझे यह जानकर बड़ी निराशा हुई है कि पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि निरक्षर और कानून को न जानने और उन्हें पता नहीं होता कि वे किस दस्तावेज पर साइन कर रहे हैं, का बहाना बनाकर निरंतर गलत काम करने के दोषी पाये गये। इस स्थिति ने मुझे यह सोचने पर मजबूर किया कि क्यों न पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव लडऩे के लिए अनिवार्य न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता निर्धारित कर दी जाए। मैंने पंचायती राज संस्थाओं के लिए चुनाव लडऩे वालों के लिए घर में शौचालय, बिजली के बिलों और बैंक ऋण का डिफाल्टर न हो, जैसे कई प्रावधान किये। हमने कानून में संशोधन किया। हमारे ऊपर विपक्ष ने अनुभवहीनता का आरोप लगाया। भारत के संविधान के इतिहास में न्यायालय ने पहली बार चलती हुई चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी। अंत में, सर्वोच्च न्यायालय ने हमारे कानून की सराहना की और कहा कि दूसरे राज्य भी इसका अनुसरण करें।
हम प्रदेश में समान विकास कर रहे हैं। प्रदेश की 90 की 90 विधानसभा क्षेत्रों के विकास के लिए समान राशि दी जा रही है चाहे उस विधानसभा क्षेत्र से सत्ता पक्ष का विधायक है या विपक्ष का।
आज हमने हरियाणा में जनसेवा के तीन वर्ष पूरे कर लिये हैं। यह एक बदलते हुए हरियाणा के लिए खुशियां मनाने का अवसर है। हम आने वाले दिनों, सप्ताहों और महीनों में विकास के रास्ते पर और तीव्र गति से आगे बढ़ेंगे।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-Dangar of change always challenging - Chief Minister Manohar Lal
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: chief minister manohar lal, haryana hindi news, haryana news, haryana chief minister manohar lal, chandigarh news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, chandigarh news, chandigarh news in hindi, real time chandigarh city news, real time news, chandigarh news khas khabar, chandigarh news in hindi
Khaskhabar Haryana Facebook Page:
स्थानीय ख़बरें

हरियाणा से

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2024 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved