चंडीगढ़। हरियाणा के श्रम एवं रोजगार मंत्री नायबसिंह
सैनी ने कहा कि सिलिकोसिस रोग से पीडित श्रमिकों के पुर्नवास, मृत्यु,
दाहसंस्कार, पैंशन, पारिवारिक पैंशन, शिक्षा, कन्यादान और पुत्र की शादी
में वित्तिय सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। इसके क्रियान्वयन
हेतु 10 करोड़ रुपए का कॉर्पस फंड (सम्रग निधि) बनाया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सैनी ने आज यहां विभाग द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता में बोलते हुए कहा कि
देश में हरियाणा ऐसा पहला राज्य बना है, जिसने सिलिकोसिस रोग से
पीडि़त/प्रभावित श्रमिकों के कल्याण के लिए ऐसी पुर्नवास नीति बनाई है,
इसके तहत प्रत्येक पीडित व्यक्ति को 5 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता
प्रदान की जाती है। सिलिकोसिस नामक बीमारी स्टोन क्रशर, थर्मल विद्युत तथा
क्वार्टज ग्राईडिंग यूग्निट्स जैसे कार्य करने वाले श्रमिकों को हो सकती
है। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया गया, जिसमें पीडितों को 96.25 लाख
रुपये की राशि वितरित की गई। सरकार द्वारा सिलीकोसिस पुर्नवास नीति के तहत 8
योजनाओं पर कुल 6.17 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है।
श्रम
मंत्री ने कहा कि राज्य के 9 जिलों पंचकूला, अंबाला, करनाल, भिवानी,
सोनीपत, गुरूग्राम, फरीदाबाद, हिसार तथा यमुनानगर में सरकारी भोजनालय खोले
गए हैं, जहां पंजीकृृत निर्माण श्रमिकों को मात्र 10 रुपये में पोष्टिïक
भोजन प्रदान किया जा रहा है। इनके अलावा अन्य जिलों में भोजनालय खोलने की
प्रक्रिया चल रही है। इसके अतिरिक्त राज्य के 6 जिलों में अंतोदय भवन खोले
है, जहां श्रमिकों को पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई जाती है। महिला निर्माण
श्रमिकों को स्वावलंबी बनाने के लिए राज्य की 60 हजार श्रमिक महिलाओं को
सिलाई मशीने वितरित की जा रही है। इस पर करीब 27 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इसके अलावा, बेटी की शादी में कन्यादान की राशि 51 हजार रुपये तथा 50 हजार
रुपये अन्य खर्च के लिए शादी से तीन दिन पहले ही दिये जाते हैं।
श्रम
मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश के निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण
हेतु एक विशेष अभियान चलाया है। इसके अलावा, निर्माण कर्मकारों को पितृृत्व
लाभ के रूप में 21000 रुपये व मातृत्व के लिए 36 हजार रुपये का अनुदान,
कार्य स्थल पर दुर्घटना के कारण मृत्यु होने पर पंजीकृत श्रमिक को 5 लाख
रुपये व साधारण मृत्यु पर 2 लाख रुपये, अपंजीकृृत निर्माण श्रमिक की मृत्यु
पर 2.50 लाख रुपये तथा अपंगता होने पर सहायता राशि बढाकर तीन लाख रुपये तक
दी जाती है। पंजीकृत कर्मकार की अपंगता पैंशन को 300 रूपये प्रतिमाह से
बढाकर 3,000 रूपये प्रतिमाह किया गया है। श्रमिकों के बच्चों को कक्षा पहली
से स्नातकोतर स्तर तक दी जाने वाली वजीफा राशि 3 हजार से बढ़ाकर 8 हजार
तथा 16 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दिया है। इसके अलावा परीक्षाओं में
60 से 90 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को 21 हजार से 51 हजार
रुपये तक की एक मुश्त पुरस्कार राशि दी जाती है।
इस अवसर पर
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन, श्रम विभाग के विधान सचिव
महाबीर सिंह और सूचना एवं जन सम्पर्क तथा भाषा विभाग के महानिदेशक समीर पाल सरो भी उपस्थित थे।
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