चंडीगढ़। कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं की बदतर स्थिति पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखा है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए कई अहम सुझाव दिए, जिनमें कैंसर रोगियों के इलाज और विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने पर खास जोर दिया गया है।
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शैलजा ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि कैंसर के मरीजों को उनके इलाज के लिए दूसरे शहरों में न जाना पड़े। उन्होंने सिविल अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति और आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया। शैलजा ने कहा कि राज्य के अस्पतालों में उचित चिकित्सा सुविधाएं न होने से गरीब और जरूरतमंद मरीजों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए योग्य चिकित्सकों की नियुक्ति आवश्यक है। शैलजा ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि हरियाणा के सभी सिविल अस्पतालों को समकालीन चिकित्सा तकनीक और विशेषज्ञता से लैस किया जाए ताकि राज्य के हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
शैलजा ने चंडीगढ़ पर हरियाणा के दावे को दोहराते हुए कहा कि "हम अपने अधिकारों से कभी समझौता नहीं करेंगे।" उन्होंने नई विधानसभा के मुद्दे पर हरियाणा के हक को लेकर मुख्यमंत्री को स्पष्ट और सख्त कदम उठाने की मांग की।
उन्होंने डीएससी वर्गीकरण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए इसे सभी के लिए अनिवार्य बताया। शैलजा ने कहा कि हरियाणा के सर्वोत्तम हित में लिए गए फैसलों को लागू करना ही राज्य के विकास के लिए सही दिशा होगी।
पार्टी के हालिया प्रदर्शन पर बात करते हुए कुमारी शैलजा ने कांग्रेस को अपना परिवार बताया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस मेरे लिए सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि मेरे जीवन का दर्शन है। मैं इसे छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगी।" शैलजा ने कांग्रेस की हार के कारणों पर विचार करने की बात करते हुए यह भी कहा कि पार्टी अपने सिद्धांतों के साथ मजबूती से खड़ी रहेगी।
कुमारी शैलजा का यह पत्र न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर ध्यान केंद्रित करता है, बल्कि हरियाणा के अधिकारों और पार्टी की विचारधारा के प्रति उनकी वफादारी को भी उजागर करता है। उनके सुझाव और सवाल मुख्यमंत्री के लिए एक चुनौती बन सकते हैं। अब देखना यह है कि सरकार उनकी मांगों पर क्या रुख अपनाती है।
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