प्ंचकूला। सरकारी कर्मचारियों व दफ्तरों में भ्रष्टाचार को
खत्म करने की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर
लाल ने प्रदेश के इतिहास में पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2003 से
घोषित 9 दिसंबर अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उनमूलन दिवस पर सोमवार को पंचकूला में
एक राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया।इस अवसर पर मनोहर
लाल ने मुख्यमंत्री कार्यालय में शीघ्र ही एक अलग से भ्रष्टाचार विरोधी
प्रकोष्ठ स्थापित करने और हर विभाग में छापों के दौरान छापा टीम के सभी
सदस्यों के लिए शरीर कैमरा अनिवार्य करने की घोषणा की।पंचकूला
के सैक्टर-1 स्थित लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह में आयोजित इस समारोह को
संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में जो भी छापा, चाहे वह पुलिस
विभाग, आबकारी एवं कराधान विभाग, खनन विभाग और परिवहन विभाग या किसी भी
विभाग का, किसी भी परिसर चाहे वह सरकारी हो या प्राईवेट प्रोपर्टी दुकान,
घर या सडक पर मारा जाएगा, उस दौरान हर सदस्य को बॉडी कैमरा अनिवार्य रूप से
आन रखना होगा।मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार की जानकारी
मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाने के लिए जनता के लिए वाट्सएप नंबर
9417891064 सार्वजनिक किया। साथ ही उन्होंने हैल्पलाईन नंबर 1064 तथा टोल
फ्री नम्बर 18001802022 भी जारी किया। मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल पर भी
सीधा संदेश भेजा जा सकता है। किसी भी नागरिक द्वारा भ्रष्टाचार उजागर करती
हुई कोई भी ऑडियो या विडियो क्लिप भेजी जाएगी तो उसकी भ्रष्टाचार निरोधक
प्रकोष्ठ द्वारा तुरंत जांच की जाएगी। यदि शिकायत सही निकलती है तो
शिकायतकर्ता को पुरस्कार और शिकायत निदान की जानकारी भी उसको मुख्यमंत्री
कार्यालय से भेजी जाएगी। एक साल में तीन सही शिकायतें प्रमाणित की जाती है
तो उस शिकायतकर्ता को उसकी इच्छानुसार किसी सार्वजनिक समारोह में या उसके
घर पर सम्मानित किया जाएगा। शिकायतकर्ता ईमेल पर भी
सर्तकता ब्यूरो को भेज सकता है।पिछले पांच वर्षों ने भ्रष्टाचार
पर अकुंश लगाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे जानकारी देते हुए
मुख्यमंत्री ने बताया कि 25 दिसंबर, 2014 में सुशासन दिवस के अवसर पर
सर्वप्रथम उन्होंने तहसीलों में भ्रष्टाचार खत्म करने लिए ई-स्टेंपिंग व
ई-रजिस्ट्री की शुरूआत की थी। इसी प्रकार, उन्होंने भूमि उपयोग परिवर्तन
(सीएलयू) तथा लाईसेंस की शक्तियां भी 1 नंवबर, 2016 को निर्देशक नगर एवं
ग्राम आयोजन विभाग के निदेशक को लौटा दी थी, जो पिछले 25 वर्षों से
मुख्यमंत्री कार्यालय ने गैर-कानूनी रूप से ले रखी थी।इसी
प्रकार, एक अन्य पहल, ग्रुप सी से हरियाणा सिविल सेवा के लिए रजिस्टर सी
से नामित किए जाने वाले कर्मचारियों की है, जो मुख्यमंत्री की सिफारिशों
से एचसीएस बनाए जाते थे। इस बार हमने सभी पात्र कर्मचारियों के लिए
हरियाणा लोक सेवा आयोग के माध्यम से लिखित परीक्षा का आयोजन करवाया और पहली
बार एक साथ 17 कर्मचारी बिना मुख्यमंत्री के सिफारिश के एचसीएस बन पाए
हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष से सरकारी कर्मचारियों से
सीधा आईएएस बनने के लिए केंद्रीय लोक सेवा आयोग को प्रदेश की ओर से भेजे
जाने वाले नामों के लिए भी देश में पहली बार हरियाणा लोक सेवा आयोग के
माध्यम से कर्मचारियों की लिखित परीक्षा का आयोजन करवाया जाएगा और मैरिट
वाले उम्मीदवारों के नाम भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि गीता के कर्म के
सिद्धांत पर चल फल की चिंता मत कर इस श्लोक को उन्होंने अपने जीवन में
अपनाया है और इसी पर वे कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि ग्रुप डी की
भर्ती में साक्षात्कार खत्म करना यह इसका बड़ा उदहारण है। राजनैतिक लोगों ने
भी इस पर नाराजगी जताई परंतु उन्होंने किसी की नहीं मानी केवल योग्यता व
मैरिट के नियम को ही उन्होंने सर्वोपरि रखा। इसी प्रकार अध्यापक स्थानांतरण
नीति भी एक भ्रष्टाचार का बड़ा माध्यम बन गई थी, उसको भी उन्होंने ऑन लाईन
कर खत्म किया है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभाग हर उस पद के लिए जिसकी
स्वीकृति संख्या 500 से अधिक है, वे 31 मार्च तक ऑनलाइन स्थानांतरण नीति
बना लें।मुख्यमंत्री ने कहा कि गलत तरीके से पैसा कमाना जब
व्यक्ति की आदत बन जाता है तो उसे खत्म करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि
जनता में अगर आप सही कर रहे हो और आपकी जनता में साफ छवि बन जाती है।
भ्रष्टाचार क्या है, कहां करते हैं, क्यों करते हैं, कब करते हैं, कैसे
करते हैं और कब करते हैं, इन सब पहलूओं पर उन्होंने विस्तृत प्रकाश डाला।
रिश्वत देने वाले का दोष कम होता है कभी-कभी उसकी मजबूरी हो सकती है या
अज्ञानता भी एक कारण हो सकती है परंतु लेने वाले कर्मचारी को चैक करना
हमारा संकल्प होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के इस वर्ष
का वाक्यांश ‘‘भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जुट’’ इस कड़ी में सही चरितार्थ होता
है।उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से गरीब लोगों में असंतोष की
भावना बढ़ती है और उनके विकास में बाधा आती है। पंडित दीन दयाल उपोध्याय का
अंत्योदय का मूल मंत्र अर्थात अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का कल्याण इसका
हेतू है। उन्होंने कहा कि कुछ प्रभावी लोग, जो या राजनैतिक या आर्थिक
प्रभाव रखते हैं और भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं उन पर प्रहार करना हमारा
संकल्प होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार आर्थिक मंदी का भी एक कारण
है। लाखों करोड़ों रुपए का गोलमाल करने वाली फर्जी सैल कंपनियों व फर्जी
व्यवसायियों को पकड़ा गया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि इज ऑफ डूईंग
बिजनेस के मामले में हरियाणा वर्ष 2014 में 14वें नंबर पर था तो आज देश में
तीसरे स्थान पर है। इसके लिए सरकार की ओर से अधिकारियों की टीम को बधाई
है। इसी टीम भावना से हमने भ्रष्टाचार के विरूद्ध भी लड़ाई लडनी है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदहारण देते हुए बताया कि
उन्होंने एक साक्षात्कार में जब उनसे पूछा गया कि जीवन में सबसे बड़ी चुनौती
आपके समक्ष क्या है तो उन्होंने कहा था कि मेरे इर्द-गिर्द काम करने वाले
साथियों की टीम में विश्वसनियता का अभाव। उन्होंने कहा कि हमने भ्रष्टाचार
खत्म करने की शुरूआत की है। थोड़े प्रयास और भी करने होंगे। भ्रष्टाचार का
जो रोग ‘‘हम’’ में आ गया है, उससे ‘‘मैं’’ को बचाना जरूरी है। उन्होंने कहा
कि अच्छी शुरूआत भी आधा काम पूरा करना है। भौतिक सुख का आभाव तो
भ्रष्टाचार से होता है परंतु इसके पीछे गरीब की कितनी पीड़ा व मजबूरी होती
है, उसे हमें समझना होगा। उन्होंने कहा कि कानून बने है परंतु अच्छे लोग भी
है। फिर भी हम भ्रष्टाचार रूपी केंसर की जकड़ में है। लोकतंत्र के चारों
स्तंभों विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका तथा पत्रकारिता सभी को एक
दूसरे पर भ्रष्टाचार के विरूद्ध चैक लगाने होंगे और यह अधिकारी संविधान
निर्माताओं ने हमारे संविधान में दिया है।उन्होंने कहा कि 1950
के दशक में जब देश आजाद ही हुआ था तो उस समय रक्षा मंत्रालय ने जीप खरीद
घौटाला के नाम से एक बहुत बड़ा सकैंडल हुआ था। इसी प्रकार फीफा फुटबाल
वल्र्ड कप चयन समिति के 22 में 10 सदस्यों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम 1988 में संशोधन के बाद अब
रिश्वत देने वाले पर भी अपराधिक मामला दर्ज होगा। आज भ्रष्टाचार कुलीनतंत्र
(ऑलीगार्किक) हो गया है। उन्होंने भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस पर सभी
प्रशासनिक सचिवों से आह्वान किया कि वे उनके इस संकल्प में एक टीम भावना से
काम करें।हरियाणा के मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने
अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच के अनुरूप ही आज
हम अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में
उपस्थित हुए है। मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप ही ऑनलाडन सेवायें प्रदान
कर भ्रष्टाचार में कमी आई है। आज 38 विभागों की 234 अंत्योदय तथा 6 हजार
से अधिक अटल सेवा केंद्र के माध्यम से ईसेवायें उपलब्ध हो रही है। मेरी फसल
मेरा बीमा योजना के तहत 3400 करोड़ रुपए की राशि किसानों के खाते में डाली
गई है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भी ई-सिस्टम लागू किया गया है।
उन्होंने कहा कि आज के इस कार्यक्रम के लिए भी मुख्यमंत्री के अतिरिक्त
प्रधान सचिव नितिन यादव व पुलिस अतिरिक्त महानिदेशक ओ.पी. सिंह व
उनकी टीम बधाई की पात्र है, जिन्होंने दो दिन की अवधि में ही इस कार्यक्रम
की रूपरेखा तैयार की है।हरियाणा राज्य सतर्कता ब्यूरो के
महानिदेशक डॉ. के.पी.सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भ्रष्टाचार उन्मूलन
अधिनियम में अगस्त 2018 में संशोधन के बाद रिश्वत देने को भी अपराध माना
गया है। सरकारी पद का दुप्रयोग भी अपराध की श्रेणी में है। जांच एजेंसी को
लालच देना भी अपराध है। उन्होंने बताया कि रिश्वत देने वाला अगर सात दिन के
अंदर अंदर जांच एजेंसी को बताता है कि उसने उक्त कार्यालय में उक्त
अधिकारी व कर्मचारी को रिश्वत दी है तो वह अपराध की श्रेणी में शामिल नहीं
है।हरियाणा राज्य प्रशासनिक सुधार के चेयरमैन प्रो. प्रमोद
कुमार ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। पंचकूला के उपायुक्त मुकेश कुमार
आहूजा ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। इस अवसर पर मुख्य सचिव केसनी आनंद
अरोड़ा ने मुख्यमंत्री की ओर से उपस्थित सभी प्रशासनिक सचिवों व अन्य
अधिकारियों व कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के विरूद्ध लडने की शपथ दिलवाई-
हम, भारत के लोक सेवक, सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञा करते है कि हम अपने
कार्यकलापों के प्रत्येक क्षेत्र में इमानदारी और पारदर्शिता बनाये रखने के
लिये निरंतर प्रयत्नशील रहेंगे। हम यह प्रतिज्ञा भी करते है कि हम जीवन के
प्रत्येक क्षेत्र के भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिये निर्बाध रूप से कार्य
करेंगे। हम अपने संगठन के विकास और प्रतिष्ठा के प्रति सचेत रहते हुए कार्य
करेंगे। हम अपने सामूहिक प्रयासों द्वारा अपने संगठनों को गौरवशाली
बनायेंगे तथा अपने देशवासियों को सिद्धांतों पर आधारित सेवा प्रदान करेंगे।
हम अपने कत्र्तव्य का पालन पूर्ण ईमानदारी से करेंगे और भय अथवा पक्षपात
के बिना कार्य करेंगे।मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भ्रष्टाचार
उन्मूलन के खिलाफ अब तक के चलाये गये अभियान की लगाई गई प्रदर्शनी का
अवलोकन भी किया तथा एक साईकिल रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया। इस
रैली में लगभग 150 स्कूली विद्यार्थी थे जो पंचकूला के विभिन्न प्रमुख
चाैराहों पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का संदेश लोगों तक पंहुचायेंगे।मुख्यमंत्री
ने इस अवसर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लडने के लिये अभियान में शामिल
होने के लिये लगाये गये शपथ पट्ट पर हस्ताक्षर भी किये।इस अवसर
पर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव
राजेश खुल्लर, पुलिस महानिदेशक मनोज यादव, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक
ओपी सिंह के अलावा बड़ी संख्या में अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, पुलिस
व राज्य सतर्कता ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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