चंडीगढ़। ‘राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक 2019’ में हरियाणा प्रदेश ने देश में पहला स्थान प्राप्त करने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुशी जताई है और कहा कि प्रदेश के लोगों व राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों की बदौलत यह मुकाम हासिल हो पाया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की इस उपलब्धि को गौरवान्वित करने वाला बताया और कहा कि प्रदेश सरकार ऊर्जा दक्षता में निरंतर प्रयासरत रहेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह सूचकांक भवन, कृषि, डिस्कॉम, परिवहन, उद्योग एवं नगरपालिका क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को ध्यान में रखते हुए 97 महत्वपूर्ण मानकों को आधार मानकर तैयार किया गया है और देश के 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने इसमें हिस्सा लिया।
बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी. सी. गुप्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा सरकार ने सरकारी भवन एवं दूसरे क्षेत्रों में ऊर्जा संरक्षण को अनिवार्य किया था। प्रदेश में सरकारी भवनों में एलईडी लाइटस, सोलर रूफ-टॉप लगाए गए तथा कृषि क्षेत्र में एक योजना बनाकर नीतिगत ढंग से स्टार-रेटिड पंप लगाने से भी ऊर्जा बचाने की दिशा में ठोस प्रयास किया गया। यही नहीं कृषि क्षेत्र में 3,000 से ज्यादा सोलर पंप वितरित किए गए। राज्य में भवनों के लिए शुरू की गई एनर्जी: कंजरवेशन अवाॅर्ड स्कीम तथा ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफीसिएंसी की पैट स्कीम को सही ढंग से लागू करने से भी ऊर्जा संरक्षण में लाभ मिला है। प्रदेश में बिजली के क्षेत्र में टॉड-स्कीम लागू करने, कम एवं अधिक वोल्टेज वाले फीडरों का अलग-अलग करना तथा ट्रांसमिसन एवं डिस्ट्रीबुशन के मामले में पॉवर लॉस को घटाने के लिए अहम कदम उठाए गए जिनकी बदौलत हरियाणा में ऊर्जा की काफी बचत हुई है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र में भी ऊर्जा बचत के लिए कई कदम उठाए गए, इनमें एमसएमई पोलिसी में ऊर्जा संरक्षण करने वाले उद्योगों को छूट तथा बिजली बचत करने वाले उपकरण खरीदने के लिए ऋण देने का प्रावधान किया गया। उन्होंने बताया कि नगर निकायों में ऊर्जा संरक्षण के लिए स्ट्रीट लाइट लगाने की दिशा में 1.7 लाख से अधिक एलईडी लगाई गई तथा केंद्र सरकार की स्कीम के तहत राज्य के नगर निकायों में प्रमुखता से एनर्जी ऑडिट किया गया। पानी संरक्षण के लिए ‘सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट एवं पंपिंग पोलिसी’ समेत कई पहल की गई हैं।
गुप्ता ने बताया कि ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में भी हरियाणा सरकार द्वारा ऊर्जा बचत के लिए कई अहम निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि रोडवेज बसों के ड्राइवरों को ऊर्जा संरक्षण के लिए प्रशिक्षित करने हेतु ‘पेट्रोलियम कंजरवेशन रिसर्च एसोसिएशन’ के साथ टाई-अप किया गया। सरकारी बसों की माइलेज को मानिटरिंग किया जा रहा है तथा ऊर्जा बचत को ध्यान में रख कर स्मार्ट-सिटिज के लिए विशेष नीति बनाई जा रही है। यही नहीं प्रदेश में बिजली से चलने वाले वाहनों को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने के लिए जहां ‘इलैक्ट्रिक व्हीक्ल पोलिसी’ तैयार की जा रही है वहीं बैट्री व सीएनजी से चलने वाले वाहनों के लिए टैक्स में एकमुश्त 20 प्रतिशत तथा हाईब्रिड वाहनों के लिए 10 प्रतिशत छूट देने की पोलिसी बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ऊर्जा बचत के लिए हर क्षेत्र में ठोस कदम उठा रही है।
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