चण्डीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सहकारिता विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे राज्य की सहकारी चीनी मिलों से चीनी रिकवरी बढ़ाने हेतु उच्च स्तरीय प्रबन्धन को विशेष प्रोत्साहन देने के लिए एक योजना बनाएं, ताकि चीनी का उत्पादन बढ़ाया जा सके।
यह जानकारी साेमवार को यहां पंचकूला में सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में बुलाई गई सहकारी चीनी मिलों के अधिकारियों की एक बैठक में दी गई। बैठक में हरियाणा शूगर फैड के चेयरमैन हरपाल सिंह भी उपस्थित थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बैठक के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे चीनी रिकवरी को बढ़ाने के लिए अपनी ओर से भरसक प्रयास करें और उन्हें इसके लिए प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रोत्साहन देने के सम्बन्ध में विभाग द्वारा एक योजना तैयार की जा रही है।
बैठक में उन्होंने अधिकारियों को मिल के ब्रेकडाउन और उत्पादन में बढ़ोतरी जैसे लक्ष्यों को निर्धारित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हम सभी को उत्पादन बढ़ाने के लिए बेहतर प्रदर्शन करना होगा। उन्होंने कहा कि वे स्वयं सभी सहकारी चीनी मिलों के प्रबन्ध निदेशकों के प्रदर्शन की निगरानी रखेंगे ताकि प्रत्येक चीनी मिल का प्रदर्शन बेहतर हो सके और उत्पादन बढ़ सके। उन्होंने कहा कि हमें अपने लक्ष्यों को फिक्स करना होगा, चाहे एथानोल प्लांट के संचालन की बात हो, चीनी रिकवरी की बात हो या मिल ब्रेकडाउन की बात हो।
कौशल ने सहकारी चीनी मिलों के प्रबन्ध निदेशकों को निर्देश दिए कि वे अवधिवार रिपोर्ट लें जिससे हमारी अवधिवार जांच में बढ़ोतरी होगी और इससे चीनी उत्पादन व रिकवरी में भी बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित प्रबन्ध निदेशक अपनी-अपनी मिलों में रिकवरी, पिराई और गन्ने के भुगतान इत्यादि की स्वयं निगरानी रखें। इसके अलावा, उन्होंने मिलों में विभिन्न रिक्त पदों को भरने के बारे में भी विभिन्न दिशा-निर्देश दिए और बताया कि यदि पिराई के सत्र के दौरान कोई महत्वपूर्ण कर्मी सेवानिवृत्त होता है, जिसकी वजह से पिराई सत्र में दिक्कत आती है, तो उसे सम्बन्धित प्रबन्ध निदेशक उच्च अधिकारियों की अनुमति के अनुसार आउटसोर्स पर रख सकता है ताकि पिराई सत्र बाधित न हो।
उन्होंने कहा कि हमें प्रत्येक कार्य के लिए एक समय सीमा निर्धारित करनी होगी ताकि किसी भी प्रकार की कोई देरी न हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे हर 15 दिन के बाद एक समीक्षा बैठक करें और हो सके तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि नियमित समीक्षा बैठकों और चर्चा के उपरांत ही सुधार हो पाएगा। बैठक के दौरान उन्हें चल रही विभिन्न परियोजनाओं के बारे में भी जानकारी दी गई।
हरियाणा शूगर फैड के चेयरमैन हरपाल सिंह ने भी अपनी ओर से चीनी रिकवरी को बढ़ाने के लिए विभिन्न सुझाव दिए और बताया कि लोगों का सहकारी चीनी मिल पर विश्वास है और हमें इस विश्वास को बनाए रखना है, क्योंकि एक चीनी मिल पर हजारों किसान निर्भर करते हैं।
इस अवसर पर शूगर फैड के प्रबन्ध निदेशक शक्ति सिंह, सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार मनी राम शर्मा, विभिन्न सहकारी चीनी मिलों के प्रबन्ध निदेशक व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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